संसद में ‘महिला आरक्षण बिल’ को लेकर बहस जारी, बिल पर क्या बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पढ़ें
देश के नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में महिला आरक्षण बिल को लेकर बहस जारी है। बुधवार को राहुल गांधी के संबोधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना पक्ष रखा इस दौरान उन्होंने कहा कि कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी। जी 20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा।
महिला आरक्षण बिल पर उन्होंने कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानयता का सवाल है।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल लाने का यह 5वां प्रयास है। देवेगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक चार बार इस बिल को लाने की कोशिश की गई…क्या कारण था कि ये बिल पास नहीं हो सका? .
उन्होंने कहा कि ने कहा, “OBC आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, मैं सबका जवाब देता हूं…सबसे पहला जवाब विद्यमान संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं, जो सामान्य, SC और ST कैटेगरी से आते हैं। ये तीनों कैटेगरी में हमने महिलाओं का 33% आरक्षण कर दिया है… अब एक तिहाई सीटों को आरक्षित करना है तो वह सीट कौन तय करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की है।”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल का समर्थन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें OBC, मुस्लिमों का आरक्षण नहीं है। अगर आप इस बिल का समर्थन नहीं करेंगे तो क्या आरक्षण जल्दी होगा? अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं तो कम से कम गारंटी तो देंगे।