पेरिस ओलंपिक 2024 हर साल की तरह इस साल भी एक बार फिर चर्चा का विषय बना रहा है. खिलाड़ियों के पदक जीतने से परे इस बार ओलंपिक की चर्चा निगेटिव कारणों से अधिक हो रही है. ओलंपिक गेम्स में अव्यवस्थाओं को लेकर तो फ्रांस निशाने पर है ही, साथ ही उद्घाटन समारोह सहित मुकाबलों के दौरान हुए विवादों ने भी इस शानदार आयोजन में भाग लेने पहुंचे तमाम देश के खिलाड़ियों साथ ही खेलप्रेमियों का भी मनोरंजन फीका पड़ता दिखाई दिया.
तो चलिए बात करते हैं पेरिस ओलंपिक 2024 में हुए कुछ ऐसे निर्णय की जो इस साल ओलंपिक में चर्चा का विषय बन गए.
जेंडर एलिजबिलिटी टेस्ट
ओलंपिक की वुमैन बॉक्सिंग इवेंट ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया. दरअसल, कारिना का मुकाबला अल्जीरिया की उस बॉक्सर से था जो 2023 की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ‘जेंडर एलिजबिलिटी टेस्ट’ (Gender Eligibility Test) में नाकाम रही थी और उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. बाउट में 46 सेकंड के बाद ही इटली की बॉक्सर कारिनी ने रोते हुए मैदान छोड़ दिया. उन्होंने मुकाबले में अपने साथ अन्याय बताते हुए खेलीफ से हाथ मिलाने से भी इनकार कर दिया. बॉक्सिंग इवेंट में अल्जीरिया की इमान खेलीफ और इटली की एंजेला कारिनी के मुकाबले में उठा यह बवाल इस कदर तूल पकड़ा कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा.
विनेश फोगाट का डिसक्वालिफिकेशन
अपने मुकाबले में जीत हासिल कर चुकी और फाइनल में प्रवेश कर चुकीं विनेश को फाइनल के दिन 7 अगस्त को ज्यादा वजन होने के कारण ओलिंपिक एसोसिएशन ने उन्हें फ्रीस्टाइल महिला कुश्ती के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. जिसके बाद से यह डिसीजन भी चर्चा का विषय बन गया. दरअसल विनेश 50किलो की कुश्ती के मुकाबले में भाग ले रहीं थी लेकिन फाइनल से पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला जिसके बाद उन्हें बाहर करने का निर्णय लिया गया. भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के 17 घंटे बाद कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया.
भारत का हॉकी मैच
हॉकी इंडिया ने पेरिस ओलंपिक खेल 2024 की हॉकी स्पर्धा में आधिकारिक तौर पर अंपायरिंग की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की. यह शिकायत भारत और ब्रिटेन के बीच क्वार्टरफाइनल मैच से संबंधित थी जिसमें अंपायरिंग के कई फैसलों ने मैच के परिणाम को प्रभावित किया. इस मैच में अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास को 18वें मिनट में रेडकार्ड मिलने के बाद भारत को लगभग तीन क्वार्टर 10 खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा.
हॉकी इंडिया ने कई प्रमुख मुद्दों को शामिल किया. इस शिकायत में हॉकी इंडिया ने तीन अहम बिंदुओं में रोहिदास को रेड कार्ड दिखाये जाने के संबंध में असंगत वीडियो अंपायर समीक्षा प्रणाली का जिक्र किया, साथ ही शूटआउट के दौरान गोलकीपर को कोचिंग और गोलकीपर द्वारा वीडियो टेबलेट के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाये.
हेडस्कार्फ संबंधी फैसला
पेरिस ओलंपिक के दौरान फ्रांस का हिजाब कानून (Hijab Ban) भी चर्चा का विषय बना हुआ है. फ्रांस ने अपनी महिला एथलीट के हेडस्कार्फ पहनकर मैदान में मुकाबले के लिए उतरने पर बैन लगा दिया है. फ्रांस की कुछ मुस्लिम महिला प्लेयर्स की शिकायत है कि उन्हें खेल और मजहब में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
दरअसल, फ्रांस के खेल मंत्री पिछले साल ही यह ऐलान कर चुके हैं कि देश की कोई भी महिला खिलाड़ी ओलंपिक में हेडस्कार्फ पहनकर हिस्सा नहीं ले सकेगी. फ्रांस सरकार के इस फैसले का मुल्क में एक तबके द्वारा विरोध करते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया जा रहा है.