केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों को लागू करके आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने का आग्रह किया है, क्योंकि कोरोनोवायरस में कई वस्तुओं के उत्पादन को रोक दिया गया है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा हैं. इन उपायों में स्टॉक सीमा का निर्धारण, मूल्यों की अधिकतम सीमा, उत्पादन में वृद्धि, विक्रेताओं के खातों का निरीक्षण और इसी प्रकार की अन्य गतिविधियां शामिल हैं।
विशेष रूप से श्रम आपूर्ति में कमी जैसे कई कारकों के कारण उत्पादन में हानि की खबर है। इस स्थिति में, स्टॉक संचयन/ जमाखोरी और कालाबाजारी, मुनाफाखोरी और सट्टा व्यवसाय जैसी संभावनाओं के परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती है। राज्यों को बड़े पैमाने पर जनता के लिए उचित मूल्य पर इन वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कहा गया है।
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इससे पूर्व, गृह मंत्रालय (एमएचए) आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपने आदेशों में खाद्य पदार्थों, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों जैसे आवश्यक सामानों के संबंध में निर्माण/ उत्पादन, परिवहन और अन्य संबंधित आपूर्ति-श्रृंखला गतिविधियों की अनुमति दे चुका है।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार का उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 30 जून, 2020 तक केंद्र सरकार की पूर्व सहमति जैसी आवश्यकता में भी छूट देते हुए ईसी अधिनियम, 1955 के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश देने के लिए अधिकृत कर रहा है।
ईसी (आवश्यक वस्तु) अधिनियम के तहत अपराध, एक आपराधिक जुर्म हैं और इसके परिणामस्वरूप 7 वर्ष की सज़ा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, कालाबाजारी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव निवारण अधिनियम, 1980 के तहत अपराधियों को हिरासत में लेने पर भी विचार कर सकते हैं।