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रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल खत्म होने से छः महीने पहले ही दिया इस्तीफ़ा

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भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, विरल आचार्य, ने पद पर अपने कार्यकाल के निर्धारित अंत से छह महीने पहले इस्तीफा दे दिया है.

दिसंबर 2016 में उर्जित पटेल के रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पदभार संभालने के बाद उन्हें चार डिप्टी गवर्नर में से एक के रूप में नियुक्त किया गया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आचार्य अगले साल फरवरी की बजाय अगस्त में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में वापसी कर रहे हैं.

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तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल ने पद छोड़ने के बाद, रिजर्व बैंक ने पिछले साल दिसंबर में आचार्य के निर्धारित समय से पहले पद छोड़ने को लेकर लगायी जा रही अटकलों का खंडन किया था.

पटेल ने दिसंबर 2018 में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता सहित कई विषयों पर सरकार के साथ बढ़ते मतभेदों के बीच गवर्नर के पद से इस्तीफ़ा दिया था. उर्जित पटेल ने अपने बयान में निजी कारणों का हवाला दिया था. उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के बाद शक्‍तिकांत दास को आरबीआई का गवर्नर नियुक्‍त किया गया.

यह करीब 7 महीने के भीतर दूसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्‍च अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है.

रिज़र्व बैंक के नए गवर्नर शक्‍तिकांत दास के साथ चल रहे वैचारिक मतभेदों को आचार्य के इस फैसले के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है. बीते कुछ महीनों से डिप्‍टी गवर्नर विरल आचार्य आरबीआई के नए गवर्नर शक्‍तिकांत दास के फैसलों से अलग विचार रख रहे थे.

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