बांग्लादेश छोड़ने के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना ने जारी किया पहला बयान, पढ़ें
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से हटने के बाद आज अपना पहला बयान जारी किया। शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर शेख हसीना की ओर से यह बयान जारी किया। शेख हसीना ने अपने बयान में कहा कि ‘…मैं आपसे अपील करती हूं कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को पूरी गरिमा और गंभीरता के साथ मनाएं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना करके सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।’
शेख हसीना ने कहा, “मेरी संवेदनाएं मेरे जैसे उन लोगों के साथ हैं जो अपने प्रियजन को खोने के दर्द से जूझ रहे हैं। मैं मांग करता हूं कि इन हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान करके उन्हें सजा दी जाए.” बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शनों के बीच बंगबंधु भवन को ढहा दिया गया है, जिसे शहीदों की याद में बनाया गया था और इसका इस्तेमाल एक म्यूजियम के रूप में किया जा रहा था. शेख हसीना ने उसे “स्वतंत्रता का स्मारक” कहा कि यह स्मारक अतीत में हुए अत्याचारों की याद दिलाता है।
शेख हसीना ने अपने बयान में लिखा, ’15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मैं उनके प्रति गहरा सम्मान रखती हूं। उसी समय मेरी मां बेगम फाजिलतुन्नेस्सा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहिता दुल्हन सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल, मेरा छोटा भाई जो सिर्फ 10 साल का था (शेख रसेल) की निर्मम हत्या कर दी।
मेरे इकलौते चाचा स्वतंत्रता सेनानी लकवाग्रस्त शेख नासिर, राष्ट्रपति के सैन्य सचिव ब्रिगेडियर जमील उद्दीन, पुलिस अधिकारी सिद्दीकुर रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई। स्वतंत्रता सेनानी शेख फजलुल हक मोनी और उनकी गर्भवती पत्नी आरजू मोनी को नमन, कृषि मंत्री स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रब सरनियाबाद, उनके 10 वर्षीय बेटे आरिफ 13 वर्षीय बेटी बेबी, 4 वर्षीय पोते सुकांत, भाई के बेटे स्वतंत्रता सेनानी पत्रकार शहीद सरनियाबाद, भतीजे रेंटू और कई अन्य लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। 15 अगस्त को शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा को शांति मिले और शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि।’