सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें तीन महिलाओं को पुरुषों के एक समूह द्वारा हमला किए जाने के बाद उनके खिलाफ लड़ते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो को इस्लामोफोबिक कैप्शन के साथ साझा किया गया दावा किया गया है कि वीडियो पेरिस मेट्रो अंडरपास का है जहाँ तीन लड़कियों को मुस्लिम आप्रवासियों के एक समूह के खिलाफ लड़ते हुए दिखाया गया है जिन्होंने उनके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी।
एक फेसबुक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “यह वीडियो बहुत सुखदायक है कल पेरिस में कहीं मेट्रो अंडरपास पर…पीसफ़ूल प्रवासियों का एक समूह वही कर रहा था जो वे सबसे अच्छा करते हैं… तहररुश(मोटे तौर पर इसका मतलब है महिलाओं के साथ सामूहिक छेड़छाड़)…दुर्भाग्य से इन पीसफूल्स के लिए, ये तीनों महिलाएँ फ्रांसीसी अर्ध-सैन्य कर्मियों की सेवा कर रही थीं.”
सबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
इसे फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया गया।
कुछ लोगो ने इसे इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष से जोड़ा कर शेयर किया और दावा किया कि वीडियो में महिलाएं इजरायली थीं और पुरुष ‘हमास समर्थक अप्रवासी शरणार्थी’ थे।
फैक्ट चेक
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा गलत है। दरअसल ये वीडियो स्क्रिप्टेड है।
शुरुवाती जांच में हमने वीडियो को ध्यान से देखा और पाया की वायरल वीडियो में एक शख्स ने स्वेटशर्ट पहन रखा है, जिसके पीछे CUC लिखा हुआ है।
कीवर्ड खोज करने पर, हमें कैंपस यूनिवर्स कास्केडस (Campus Univers Cascades) नाम का एक इंस्टाग्राम पेज मिला। पेज ने वायरल वीडियो को 2 नवंबर को स्ट्रीट फाइट कैप्शन और #cucteam और #कोरियोग्राफी #choreography जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट किया।
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पेज के इंस्टाग्राम बायो के अनुसार, कैंपस यूनिवर्स कैस्केड्स एक फ्रांसीसी स्टंट स्कूल है जिसमें स्टंटमैन, फाइटर्स और कलाकार शामिल हैं। इसकी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कैंपस यूनिवर्सिटी कैस्केड एक पेशेवर प्रशिक्षण केंद्र है जो सिनेमा और शो में स्टंट तकनीकों के लिए समर्पित है।
पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे लोगो के मनोरजन और जागरूकता के लिए बनाया गया है।