तेलंगाना में गुरुवार, 30 नवंबर, 2023 को 119 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने वाला है। इनसब के बीच, धार्मिक झड़प का एक वीडियो सोशल मीडिया पे वाइरल हो रहा है। वीडियो में लोगों को बहस करते हुए देखा जा सकता है। बाद में यह भीड़ भगवा कपड़े पहने लोगों पर हमला करने लगती है। इसे शेयर करते हुए लोगों ने दावा किया की कांग्रेस शासित कर्नाटक में मुस्लिम समुदाई के लोग मंदिर के सामने भजन करने पर हिंदुओं को पीट रहे है।
फसबूक के वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि, “देखिए कैसे कर्नाटक में कार्तिक महीना होने के कारन मंदिर के सामने भजन करने पर हिंदुओं को पीट-पीटकर मार डाला जा रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस के शासन के कारण भाजपा हारी, आज हिंदुओं की क्या स्थिति है? तेलंगाना में भी अगर बीजेपी नहीं आई, कांग्रेस आई तो मुसलमानों की तरह हिंदुओं को भी पीट-पीट कर मार डाला जाएगा।”
फसबूक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
इसे फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया गया।
फैक्ट चेक
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा भ्रामक है। वीडियो अहमदनगर, महाराष्ट्र का है।
शुरुवाती जांच में हमने वीडियो को ध्यान से देखा और पाया की वीडियो में लोग मराठी में बात कर रहे थे। सोशल मीडिया पे कुछ लोगों ने यह भी दावा किया कि यह घटना महाराष्ट्र के अहमदनगर के गुहा गांव में हुई थी।
दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। हमने मराठी में कीवर्ड खोज की और News18 लोकमत की 13 नवंबर, 2023 की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में वायरल क्लिप के अंशों के अलावा, विभिन्न ऐंगल से शूट किए गए फुटेज भी शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो अहमदनगर के गुहा गांव के कनीफनाथ मंदिर का है।
इसके अलावा वाइरल वीडियो के अंश हुमए दैनिक भास्कर की दिव्य मराठी की एक रिपोर्ट में भी देखने को मिली। रिपोर्ट के मुताबिक विवादित भूमि जिस पर कनीफ़नाथ मंदिर और एक दरगाह दोनों स्थित है, आए दिन यह विवाद का कारण बना रहता है। इस भूमि पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के द्वारा दावा किया गया है, और मामला वर्तमान में स्थानीय अदालत में चल रहा है। 13 नवंबर को, सोमवती अमावस्या के अवसर पर, हिंदुओं के एक समूह ने कथित तौर पर कनीफनाथ देवस्थान में प्रवेश किया और धार्मिक अनुष्ठान किए। इन अनुष्ठानों के दौरान उनके लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर इलाके के मुसलमानों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद ये बहस झड़प में बदल गई। ‘
घटना की जानकारी मिलने पर, श्रीरामपुर के पुलिस अधिकारी बसवराज शिवपुजे और राहुरी पुलिस निरीक्षक धनंजय जाधव पुलिस की एक टुकड़ी के साथ घटना स्थल पहुंच कर मामले को शांत किया। इस घटना में मामले में चार लोग घायल हो गये। पुलिस ने 124 लोगों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज की है।
पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल वीडियो महाराष्ट्र का है और इसका कर्नाटक से कोई लेना देना नहीं है।