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फैक्ट चेक: पुलिस द्वारा सड़क किनारे बैठे गरीब से बर्बरता का यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं, जानें पूरा सच

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फैक्ट चेक: पुलिस द्वारा सड़क किनारे बैठे गरीब से बर्बरता का यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं, जानें पूरा सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी एक सड़क किनारे बैठे कुछ अनाज विक्रेताओं की दुकानें तहस-नहस करते हुए व एक एक विक्रेता को लातों से पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो चंदौली का है जहाँ हालिया दिनों में पुलिस इस तरह से लोगों के साथ सलूक कर रही है।

फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि ‘भूखे गरीब का अपराध बस इतना था कि भीख मांगने की गुस्ताखी कर डाली…. वर्दी ने अपनी हनक से पेट भर दिया। चंदौली के बलुआ पुलिस की शानदार_छवि तेजी से वायरल हो रही।

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि कई साल पुराना है।

वायरल वीडियो को देखकर हमे इसके पुराने होने की आशंका हुई इसलिए सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। सबसे पहले हमने वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो एक्स पर Ashutosh Tripathi नामक यूसर की प्रोफाइल पर मिला। जिसे जनवरी 27, 2020 को अपलोड किया गया था।

उपरोक्त प्राप्त पोस्ट से हमने जाना कि वायरल वीडियो इंटरनेट पर साल 2020 से मौजूद है। बता दें कि उपरोक्त मिले पोस्ट में उक्त वीडियो कोक वायरल दावे के साथ ही अपलोड किया गया था। इसके बाद वीडियो की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर बारीकी से खोजना शुरू किया।

खोज के दौरान हमें उक्त पोस्ट के कमेंट पर चंदौली पुलिस के आधिकारिक का ही एक ट्वीट मिला जिसे जनवरी 27, 2020 को ही अपलोड किया गया था। यहाँ बताया गया है कि यह वीडियो चंदौली के बलुआ का है, जिसमें गरीब के साथ बर्बरता करते हुए शख्स कोई और नहीं बल्कि बलुआ थाना के प्रभारी निरीक्षक थे जिन्हें पुलिस ने लाइन हाजिर कर दिया है और जांच के आदेश दिए है।

इसके साथ ही उस वक्त चंदौली के पुलिस अधीक्षक रहे हेमंत कुटियाल ने इस घटना को लेकर एक वीडियो भी जारी किया था। इसमें हेमंत बताते हैं कि वायरल वीडियो वाली घटना में जांच के आदेश देते हुए बलुआ थाना प्रभारी को सस्पेंड किया जा चुका है।

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनी का नहीं बल्कि साल 2020 के दौरान का जिसे हालिया दिनों में शेयर किया गया है।

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