प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनाली में आज अटल टनल का उद्घाटन कर दिया है. यह टनल मनाली को लेह-लद्दाख तक 12 महीने कनेक्टिविटी की सुविधा देगी.

आज सुबह पीएम पहुंचे मनाली।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनाली पहुंचे. जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. इस मौके पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्यपाल भी मौजूद रहे. वहां पहुंचने के बाद पीएम मोदी को बीआरओ चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने सुरंग निर्माण में आई दिक्कतों और खासियतों की जानकारी दी.
हिमाचल प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनाली एयरपोर्ट पहुंचे। प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे अटल टनल, रोहतांग का उद्घाटन करेंगे। #AtulTunnel @PMOIndia@narendramodi @rajnathsingh@hp_tourism #AtalRohtangTunnel @jairamthakurbjp pic.twitter.com/LuiLmUnVe3
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#हिमाचलप्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9.02 किलोमीटर लंबी अटल टनल, रोहतांग का उद्घाटन किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे।#AtulTunnel @PMOIndia@narendramodi @rajnathsingh#AtalRohtangTunnel @jairamthakurbjp pic.twitter.com/2tZ6t8bFYl
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उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने किया टनल का दौरा।
#WATCH हिमाचल प्रदेश: अटल टनल, रोहतांग का उद्घाटन करने के बाद अटल टनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।#AtalRohtangTunnel #AtalTunnel #Rohtang @narendramodi @PMOIndia pic.twitter.com/QCIr4daUcw
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क्या कहा पीएम मोदी ने इस उद्घाटन के दौरान।
उद्घाटन के दौरान पीएम ने कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना नहीं पूरा हुआ है, आज हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। इस टनल से मनाली और केलॉन्ग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है।
उन्होंने कहा कि हमेशा से यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की मांग उठती रही है। लेकिन लंबे समय तक हमारे यहां बॉर्डर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट या तो प्लानिंग की स्टेज से बाहर ही नहीं निकल पाए या जो निकले वो अटक गए, लटक गए, भटक गए। साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था।
एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती। आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता। उनका सपना पूरा होता: @narendramodi
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पीएम ने कहा कि अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। हालात ये थी कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती। आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता।
अटल टनल की तरह ही अनेक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया। लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के रूप में सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण एयर स्ट्रिप 40-45 साल तक बंद रही। क्या मजबूरी थी, क्या दबाव था, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता @narendramodi #AtalTunnel pic.twitter.com/JomgkKLklE
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प्रधानमंत्री ने बताया कि जब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों के विकास की प्रबल इच्छा हो, तो रफ्तार बढ़ानी ही पड़ती है। अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया।
#WATCH हिमाचल प्रदेश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल टनल के दक्षिणी छोर से उत्तरी छोर की लगभग 9.02 कि.मी. की यात्रा कर टनल का मुआयना करते हुए। (सोर्स – DD)#AtalRohtangTunnel #AtalTunnel #Rohtang @narendramodi @PMOIndia @hp_tourism pic.twitter.com/0aOXoSJACL
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#WATCH हिमाचल प्रदेश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल टनल के दक्षिणी छोर से उत्तरी छोर की लगभग 9.02 कि.मी. की यात्रा कर टनल का मुआयना करते हुए। (सोर्स – DD)#AtalRohtangTunnel #AtalTunnel #Rohtang @narendramodi @PMOIndia @hp_tourism pic.twitter.com/0aOXoSJACL
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ये भी जानें।
– 10 साल में बनी अटल टनल
– 10,000 फीट की ऊंचाई पर
– 9 किमी लंबाई
– 3000 कार/दिन गुजर सकती है।
घोड़े के नाल जैसा है आकार
बता दे ‘अटल टनल’ का आकार घोड़े की नाल जैसा है. इसका दक्षिणी किनारा मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि उत्तरी किनारा लाहौल घाटी में तेलिंग और सिस्सू गांव के नजदीक समुद्र तल से 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
10.5 मीटर चौड़ी इस सुरंग पर 3.6 x 2.25 मीटर का फायरप्रूफ आपातकालीन निकास द्वार बना हुआ है. ‘अटल टनल’ से रोजाना 3000 कारें, और 1500 ट्रक 80 किलोमीटर की स्पीड से निकल सकेंगे.
ये भी है ख़ास।
गौरतलब है कि मनाली की ओर से अटल टनल के प्रवेश भाग पर “Snow galleries ” बनाई गई हैं। इनसे टनल को भूस्खलन या हिमस्खलन से सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
ये है अटल टनल की खासियत
- सभी मौसम के लिए उपयुक्त
- आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार
- सुरंग के नीचे एग्जिट गेट
- बर्फ-हिमस्खलन से बेअसर
- 50 मीटर पर फोन
- ऑटोमेटिक CCTV सिस्टम
- हवा की गुणवत्ता मापने का यंत्र
- आग से निपटने में सक्षम