पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले पर पाकिस्तानी प्रशासन लगातार अपनी चाले चलने से बाज़ नहीं आ रहा है। अब पाकिस्तान ने इसे लेकर अपने स्थानीय कानूनों में बदलाव की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है. दरअसल, भारत ने पाकिस्तानी कोर्ट में कुलभूषण जाधव का केस लड़ने के लिए वकील मुहैया कराने की मांग की है.
क्या कहना है पाकिस्तान का।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान का कहना है कि “हम भारतीय दबाव के चलते कुलभूषण जाधव मामले में अपने कानून नहीं बदल सकते। भारत को पाकिस्तान की अदालतों के साथ सहयोग करना होगा “. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सरकार ने भारत के वकील को केस लड़ने की इजाजत देने के लिए कानून बदलने से इनकार कर दिया है.
Pakistan dismisses any option to amend local laws on India's demand to allow its lawyers to fight the case of Indian national Kulbhushan Jadhav (in file pic) in Pakistani courts: Pakistan media pic.twitter.com/U0c8Uwo4Kh
— ANI (@ANI) September 10, 2020
कानूनी रूप से संभव नहीं – ‘वकील मुहैया कराना’
जाहिद हफीज चौधरी का कहना है कि हम लगातार कहते रहे हैं कि वही वकील कोर्ट में जाधव का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जिनके पास पाकिस्तान में कानून का अभ्यास करने का लाइसेंस है. उन्होंने कहा, “भारत जाधव को एक भारतीय वकील देने की अनुमति देने की बेतुकी मांग कर रहा है. यह कानूनी रूप से संभव नहीं है.”
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आईसीजे (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) के फैसले में साफ कहा गया है कि जाधव की सजा के मामले में समीक्षा और पुनर्विचार प्रक्रिया पाकिस्तान की अदालत में और पाकिस्तान के कानूनों के अनुसार होनी चाहिए.

इधर भारतीय CDS जनरल बिपिन रावत के पाकिस्तान के खिलाफ भाषण की निंदा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के पाकिस्तान के खिलाफ भड़काऊ बयान की कड़ी निंदा भी की है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा, “भारत के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के इस तरह के बयानों से बीजेपी-आरएसएस की चरमपंथी विचारधारा वाली मानसिकता की जानकारी मिलती है. इस तरह की बयानबाजी ने संघर्ष और अपमान के अलावा भारत के लिए कुछ भी पूरा नहीं किया है.”
आपको बता दें कि रिटायर्ड नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद हैं और उनकी मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए वकील की नियुक्त पर सुनवाई चल रही है.