सावन माह की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। जो इस साल आज (25 जुलाई ) को है। पंचमी तिथि को नाग देवताओं की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। दरसल भगवान शिव को सांपों का देवता माना जाता है। इसलिए नागपंचमी के दिन नागदेवता की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन नागों की आराधना के साथ व्रत भी रखे जाते है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से और कथा पढ़ने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। नाग पंचमी के दिन नागों के 12 स्वरूपों की पूजा होती है। आज के दिन शिव मंदिरों या नाग मंदिरों में पूजा की जाती है।
नाग पंचमी की कथा
नाग पंचमी को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है इसका वर्णन कई तरह से किया गया है। भविष्यपुराण के अनुसार, जब सागर मंथन हुआ था तब नागों ने अपनी माता की आज्ञा नहीं मानी थी। इसके चलते नागों को श्राप मिला था। नागों को कहा गया था कि वो राजा जनमेजय के यज्ञ में जलकर भस्म हो जाएंगे। इससे नाग बहुत ज्यादा घबरा गए थे। इस श्राप से बचने के लिए सभी नाग ब्राह्माजी की शरण में पहुंचें। उन्होंने ब्रह्माजी से सारी बात कही और मदद मांगी। उन्होंने कहा कि जब नागवंश में महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक होंगे तब वह सभी नागों की रक्षा करेंगे। यह उपाय ब्रह्माजी ने पंचमी तिथि को बताया था।
जब महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक मुनि ने नागों को यज्ञ में जलने से बचाया था तब सावन की पंचमी तिथि थी। आस्तिक मुनि ने नागों के ऊपर दूध डालकर उन्हें बचाया था। इसके बाद आस्तिक मुनि ने कहा था कि जो कोई भी पंचमी तिथि पर नागों की पूजा करेगा उसे नागदंश का भय नहीं रहेगा। तब से ही सावन की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है।
क्यों कहा जाता है नाग पंचमी ?
भविष्य पुराण में सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी नाग देवता के लिए समर्पित है। इस वजह से ही इसे नाग पंचमी कहा जाता है। सावन भगवान शिव का प्रिय है और उन्होंने गले में अपने परमभक्त वासुकी को धारण किया है। वासुकी को नागों का राजा कहा जाता है। नाग पंचमी के दिन शेषनाग के साथ वासुकी की भी पूजा की जाती है। वासुकी ने ही भीम को 10 हजार हाथियों का बल का वरदान दिया था।
नाग पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी की तिथि : 25 जुलाई 2020
नाग पंचमी तिथि प्रारंभ : 24 जुलाई 2020 को दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से।
नाग पंचमी तिथि समाप्त : 25 जुलाई 2020 को दोपहर 12 बजकर 02 मिनट तक।
नाग पंचमी की पूजा का मुहूर्त : 25 जुलाई 2020 को सुबह 05 बजकर 39 मिनट से सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक।