नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई खत्म हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने असम, यूपी पुलिस को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की FIR को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस जारी किया. SC ने सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट से पवन खेड़ा को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली कोर्ट पवन खेड़ा को मंगलवार तक अंतरिम जमानत दे. साथ ही कोर्ट ने याचिका पर सीमित सुनवाई मंजूर की. सभी एफआईआर के क्लब करने पर नोटिस जारी कर दिया है. खेड़ा के खिलाफ उत्तर प्रदेश और असम में एफआईआर दर्ज हैं.
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ‘यह पूरा मामला दरअसल कन्फ्यूजन का था कि असल नाम दामोदर दास या कुछ और… मैं खुद टीवी पर बैठता हूं, मैं मानता हूं ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था.’
सिंघवी ने सुनवाई के दौरान आगे कहा कि “जो पवन खेड़ा ने कहा वो नहीं कहना चाहिए था, मैं ये मानता हूं. उन्होंने खुद माना कि जुबां फिसल गई थी. उन्होंने माफी भी मांगी थी. उनको रिहा करने के आदेश दिए जाएं. अदालत उनको संरक्षण दे.
सीजेआई ने सुनवाई में कहा, “हम सभी एफआईआर के एक राज्य में निर्धारित कर देते हैं, ताकि वह राहत के लिए हाईकोर्ट जा सकें. इस स्टेज पर हम एफआईआर रद्द नहीं कर सकते.”
बता दें पवन खेड़ा को गुरुवार को यहां आईजीआई हवाईअड्डे से असम पुलिस के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया. वह रायपुर जाने वाली उड़ान में सवार होने वाले थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया. अब उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा, जहां असम पुलिस ट्रांजिट रिमांड मांगेगी. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा पर असम के 15 जिलों में 15 मुकदमे दर्ज हैं.