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उत्तराखंड: एशिया की सबसे बड़ी रोपवे बंद, जोशीमठ में जमीन धसने और मकानों में दरारें आने पर लिया गया फैसला

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उत्तराखंड: एशिया की सबसे बड़ी रोपवे बंद, जोशीमठ में जमीन धसने और मकानों में दरारें आने पर लिया गया फैसला

 

उत्तराखंड के जोशीमठ में लोग हैरान हैं। यहाँ एशिया की सबसे लंबी रोपवे सेवा पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई। अचानक मकानों में दरार आना, सड़क धंसना और कई जगह अचानक पानी के सोते फूटने की वजह से यह फैसला लिया गया है। लोग उत्तराखंड सरकार से खुद के मकान और जीवन को बचाने की गुहार लगा चुके हैं।

जोशीमठ में जमीन धंसने के विरोध में लोगों ने बंद बुलाया है। व्यापार सभा और टैक्सी यूनियन ने भी इस बंद का समर्थन किया है। ऐसे में चमोली देहरादून की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाम लग गया. पर्यटकों की गाड़ियों भी इस जाम में फंस गईं।

जोशीमठ में पिछले कुछ महीनों से लगातार ऐसी घटना हो रही है। अचानक मकानों में दरार पड़ रही है। जिला प्रशासन के मुताबिक, चमोली जिले के जोशीमठ कस्बे में 561 घरों में दरारें आ गई हैं। एहतियात के तौर पर दो होटलों को बंद कर दिया गया है।  कई जगह अचानक मकानों के नीचे से पानी के सोते फूट पड़े हैं। तेज पानी के इन सोतों की वजह से लोग डरे हुए हैं।

मकानों में दरारें भी चौड़ी होती जा रही हैं। जोशीमठ से होकर ही चार धाम में शामिल बदरीनाथ का रास्ता जाता है। मशहूर पर्यटन स्थल औली भी पास में ही है। यहां इस वजह से पर्यटन के व्यवसाय से काफी लोग जुड़े हैं। इनको अपनी जान के साथ रोजी-रोटी की चिंता भी लगातार सता रही है।

जोशीमठ समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है। यानी ये प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है। यहां पिछले कुछ दिनों में भूधंसाव में काफी तेजी आई है। घरों के गिरने का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।

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