World Press Freedom Day 2022 : वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे आज, जानिए क्या है इसका इतिहास
प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर अकसर चर्चाएं होती रहती हैं। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है, मीडिया एक स्वायत्त निकाय (Autonomous Body) है, जिसका काम जनता की आवाज़ को सरकार तक और सरकार की आवाज़ को जनता तक पहुंचने का होता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि देश की सत्ता में बैठे लोग प्रेस/मीडिया को अपने हाथ की कठपुतली बनाना चाहते हैं। इसीलिए मीडिया को और मजबूत करने के लिए ही देश और दुनिया में प्रतिवर्ष ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे‘ मनाया जाता है।
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे का इतिहास
पहली बार दक्षिण अफ्रीका के पत्रकारों ने प्रेस फ्रीडम डे मानाने की मांग साल 1991 में की थी। इन पत्रकारों ने 03 मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांतों को लेकर बयान जारी किया था जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से भी जानते हैं। इसके ठीक दो साल बाद यानी साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया गया था। उस दिन से लेकर आज तक हर साल 03 मई को विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाया जाता है।
यह है इस बार की थीम
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर बार किसी स्पेशल थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे की थीम ‘डिजिटल घेराबंदी के तहत पत्रकारिता’ (Journalism Under Digital Siege) है।
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— NewsMobile (@NewsMobileIndia) May 3, 2022