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बाल दिवस आज, क्यों मनाया जाता है यह दिवस और क्या है इसका इतिहास, पढ़िए

चिल्ड्रन डे: फाइल इमेज
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बाल दिवस 2022 आज, क्यों मनाया जाता है यह दिवस और क्या है इसका इतिहास, पढ़िए

 

आज यानी 14 नवंबर को देशभर में बाल दिवस मनाया जा रहा है। भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चों के लिए तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। बच्चों के यह दिन खास होता है। चिल्ड्रेन डे पर बच्चों के अधिकारों, उनकी देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।

क्यों मनाया जाता है यह दिन

बाल दिवस भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन भारत के पहले और भूतपूर्व प्रधानमंत्री नेहरू का जन्म हुआ था. उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस की तारीख के रूप में चुना गया था। तभी से भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को ‘चाचा नेहरू’ भी कहा जाता था, क्योंकि वे बच्चों के बीच खासा लोकप्रिय थे। वह बच्चों को देश के भविष्य की संपत्ति मानते थे।

भारत में चिल्ड्रन डे का इतिहास

भारत में ‘बाल दिवस’ की शुरुआत 1956 से ही हो गई थी। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके कारण, भारत में भी 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया गया। लेकिन कई देशों में इसे अलग-अलग दिनों में मनाया गया। इसलिए जब 1964 में पं. नेहरू की मृत्यु हुई, तो ये फैसला किया गया कि उनकी जयंती वाले दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। तब से भारत में 14 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाने लगा है।

क्या है इस दिन का महत्व 

भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बच्चों से काफी ज्यादा स्नेह रखते थे। आजादी के बाद से ही पंडित नेहरू की प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा रही और बच्चों के लिए बेहतर काम करना ही उनका एजेंडा रहा। इस दिन स्कूल में बच्चों के लिए कई कार्यक्रम आयोजन किया जाता है। इस दिन बच्चों को उनके अधिकार के बारे में बताया जाता है। देश के बच्चे ही देश के भविष्य होते है, उनकी देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा ना दी जाएं तो देश का भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा।