अग्निपथ योजना के विरोध में दायर हुई तीसरी याचिका, केंद्र सरकार भी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
सेना में भर्ती की नई ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के बाद से अब ‘अग्निपथ योजना’ को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। बता दें कि अब तक तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। इनमें अग्निपथ योजना पर रोक लगाने की मांग की गई है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा भी सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दाखिल करके कहा गया है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले केंद्र का पक्ष भी सुना जाए।
अग्निपथ स्कीम को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन के बीच अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है। इस मामले में तीनों याचिकाएं तीन वकीलों ने दाखिल की हैं। पहली दो याचिकाएं एडवोकेट विशाल तिवारी और एमएल शर्मा ने दायर की थी। सोमवार को एडवोकेट हर्ष अजय सिंह ने भी एक याचिका देकर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देने की गुजरिश की।
इससे पहले 18 जून को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अग्निपथ हिंसा मामले में एसआईटी जांच कराए जाने की गुहार लगाई गई है। याचिकाकर्ता ने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए इसे एग्जामिन करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी गठित करने की गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट विशाल तिवारी की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है और कहा गया है कि आर्म फोर्सेस में भर्ती के लिए आई योजना अग्निपथ के विरोध में देश भर में जो प्रदर्शन हो रहे हैं और इस दौरान जो सरकारी जैसे रेलवे आदि की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है उसकी जांच होनी चाहिए और जांच के लिए एसआईटी का गठन होना चाहिए।