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सड़क हादसों के लिए मोटर वाहन अधिनियम, जानें मोटर वाहन अधिनियम के मुख्य बिंदु

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नई दिल्ली: देशभर में सड़क हादसे होना आम बात हो गई है…. आए दिन खबरों में हिट एंड रन की घटनाएं सामनें आती हैं, कही किसी ने किसी को मार दिया तो कही कोई एक्सीडेंट में मारा गया. अभी बीते कुछ दिनों पहले ही पुणें में हुए हाईप्रोफाइल हिट एंड रन केस ने इस वक्त तूल पकड़ा हुआ है जहां एक नाबालिग पर आरोप है कि उसने अपनी हाई स्पीड कार से दो लोगों को कुचल दिया. हिट एंड रन जैसे केस को कंट्रोल में लाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में कई बदवाल किए गए हैं. चलिए तो जानते है कि आखिर इस तरह की घटनाओं के लिए क्या कहा है मोटर वाहन अधिनियम

 

क्या कहता है मोटर वाहन अधिनियम

मोटर वाहन अधिनियम, जिसमें अब नाबालिग अपराधियों पर एक अलग धारा है, उसमें स्पष्ट कहा गया है कि ऐसे मामलों में अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी ठहराया जाएगा और तीन साल तक की जेल की सजा दी जाएगी और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

नाबालिग ड्राइवरों द्वारा गाड़ी चलाने के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह प्रावधान शामिल किया था. इसमें कहा गया है अगर माता-पिता, अभिभावक या वाहन मालिक यह साबित कर सकते हैं कि अपराध उनकी जानकारी के बिना किया गया था या उन्होंने ऐसे अपराध को रोकने के लिए सभी उचित प्रयास किए थे, तो उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.

 

मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक किसी भी दुर्घटना या अपराध में शामिल किशोरों द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा.

 

मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक, किसी भी दुर्घटना या अपराध में शामिल नाबालिगों द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी एक साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा. इस एक्ट में पर्याप्त प्रावधान हैं, जिससे मोटर व्हीकल का मालिक ही वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने वाले व्यक्ति को वाहन देने के लिए जिम्मेदार होगा.

 

2019 में मोटर वाहन अधिनियम में हुए बदलाव तो चलिए इस फोटो के माध्यम से जानिए अपराध और उसका जुर्माना

 

मोटर वाहन अधिनियम के मुख्य बिंदु

  • बगैर हेलमेट या ओवरलोड दोपहिया वाहन पर 3 महीने के लिए ड्राइवर लाइसेंस अयोग्य.
  • बगैर हेलमेट पर एक हजार रुपए और ओवर लोडिंग पर दो हजार रुपए जुर्माना.
  • नाबालिग के वाहन चलाते समय हादसा होने पर अभिभावक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना और 3 साल की सजा. जुवेनाइल एक्ट के तहत मामला चलेगा.
  • ओला, उबर के वाहन लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन पर कंपनियों पर 25 हजार से 1 लाख रु. जुर्माना.
  • एंबुलेंस को रास्ता न देने पर एक हजार का जुर्माना.
  • हादसे में घायल का फ्री में इलाज करना होगा.
  • ड्राइवर और क्लीनर का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होगा. हादसे में मृत्यु पर 50 हजार से 5 लाख रुपए तक मुआवजे का प्रावधान है. अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत पर 25 हजार से 2 लाख और घायल होने पर साढ़े 12 से 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.
  • मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड बनाया जाएगा, जिसमें सड़क पर चलने वाले सभी चालकों का इंश्योरेंस होगा. इसका इस्तेमाल घायल के इलाज और मृत्यु होने पर परिजनों को मुआवजा देने के लिए किया जाएगा.
  • लर्निंग लाइसेंस के लिए पहचान पत्र का ऑनलाइन वेरीफिकेशन अनिवार्य. कमर्शियल लाइसेंस 3 के बजाय 5 साल के लिए मान्य होंगे.
  • लाइसेंस रिन्यूवल अब खत्म होने के एक साल के अंदर कराया जा सकेगा. ड्राइवरों की कमी पूरी करने के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे. नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन डीलर करेगा.