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अगर नहीं दिया ध्यान तो भीषण गर्मी में घर में लग सकती है आग, इन बातों का रखें ध्यान, पढ़ें पूरी खबर

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अगर नहीं दिया ध्यान तो भीषण गर्मी में घर में लग सकती है आग, इन बातों का रखें ध्यान, पढ़ें पूरी खबर

देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों भीषण गर्मी हो रही है, मानों आसमान जैसे आग बरसा रहा है। गर्मी का आलम यह है कि कहीं-कहीं तामपान 50 डिग्री तक पहुंच गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक केवल राजस्थान में भीषण गर्मी के चलते अब तक 19 मौतें हो चुकीं हैं। इस भीषण गर्मी के बीच देश के अलग-अलग कोने से कई स्थानों व इमारतों में आग लगने की भी सैकड़ों खबरें आ रही है। हाल ही गुजरात के राजकोट में एक गेमिंग सेंटर, वहीं दिल्ली के चाइल्ड केयर अस्पताल में आग लगने से कई मासूमों और लोगों की मौत हो गयी है।

दिन-प्रतिदिन बढ़ते तामपान के बीच इमारतों में आग लगने की समस्या आम बात होती जा रही है। आए दिन देश के किसी न किसी कोने में किसी न किसी ईमारत में आग लगने की खबर आ रही है। ऐसे में एक व्यक्ति को अपनी निजी घर में आग के रोकधाम के लिए क्या-क्या उपचार करने चाइये आज इस लेख में इन्हीं उपचारों की बात की गयी है।

इन कारणों से घर में लग सकती है आग- 

घर में अक्सर बिजली वाले तारों का काम होता रहता है, ऐसे में अगर गलती से तार खुला रहे गया या तारों का गलत कनेक्शन होने से घर में आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। इसके साथ ही घर में शार्ट-शर्किट से आग लग सकती है। इसलिए घर में अपने वॉल्ट की जरूरत के हिसाब से तारों का चयन कर घर की वायरिंग करवानी चाहिए ताकि घरों में करंट के लोड से कोई दिक्कत ना हो।

घर में आग लगने का सबसे मुख्य कारण है गैस सिलिंडर, इसलिए घर में गैस का इस्तेमाल करते हुए हमेशा सावधानी बरतें, बच्चों को गैस स्टोव से दूर रखें साथ ही जब गैस का काम ख़त्म हो जाए तो गैस को नीचे रेगुलेटर से बंद करें, और किचन घर के ऐसे कोने में बनाए जहां से हवा का आना-जाना आसानी से हो सकें।

घरों में एसी, फ्रिज, कंप्यूटर, टीवी, टुल्लू पंप और ओवन जैसे आइटमों के लिए पावर स्विच लगवाना चाहिए। साधारण खटके से चलाने पर वे गरम होकर जल जाते हैं। इसके साथ ही घर-ऑफिस में स्मोक डिटेक्टर लगाएं।

इसके साथ ही यदि आप किसी सोसाइटी या फ्लैट में रहते हैं तो बिल्डिंग में रहने वाले सभी लोगों को वर्ष में दो बार डेमो द्वारा फायर इंस्ट्रूमेंट्स उपयोग करने तथा खुद का बचाव करने की जानकारी दें। अग्निशामक यंत्र हर ओर रखे दिखते हैं, लेकिन इन्हें चलाना कोई नहीं जानता। इसलिए इसका प्रशिक्षण फायर ब्रिगेड से समय समय पर दिलवाते रहें।

आग लगने पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान- 
  • यूं तो आग कहीं भी घर, दफ्तर, मॉल आदि में लग सकती है, लेकिन घर पर संसाधन बहुत सीमित होते हैं। अग्निशामक यंत्र घरों में नहीं लगाए जाते।इसलिए जैसे ही आपको आशंका हो कि आग लगने वाली है या आग लग चुकी है और बेकाबू हो रही हैं। तो उस स्थिति में तुरंत 101 नंबर पर कॉल कर सूचना दें। बिल्डिंग में लगी फायर अलार्म ऑन करें, फिर जोर-जोर से ‘आग-आग’ चिल्लाकर लोगों को सचेत करें।
  • यदि आग लग जाए तो आप बिल्कुल भी पैनिक न करें यदि धुआं है तो अपना सिर नीचे रखें। यदि कोई भी सुरक्षा उपाय नहीं है तो अपना रूमाल पानी में भिगोएं और उसे अपनी नाक पर रख लें। यह कार्बन कणों को कुछ दूर करेगा, आप अच्छी तरह सांस ले सकेंगे।
  • जैसे ही मालूम चले की आग लग गई है तो जितना जल्दी हो सके वहां से निकलने की कोशिश करें। यदि ऐसा मुमकीन नहीं है और कमरा धुएं से भर गया है तो उस स्थिति में तुरंत खिड़कियां खोल दें। वहीं कोशिश करें आपका सर नीचे ही हो।
  • आग लगने पर तुरंत बिजली का मेनस्विच बंद कर दें। तार आग जल्दी पकड़ते हैं। जहां आग लगी है, उसके आसपास की चीजों को हटा दें, क्योंकि उनसे आग फैल सकती है। समय-समय पर आपके भवन में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्रोत, फोम तथा केमिकल, सार्वजनिक सूचना सिस्टम आदि की जांच करते रहें।
  • यदि आग किसी ऊंची इमारत में लगी हो तो भूल से नीचे उतरने के लिए लिफ्ट का प्रयोग न करें। आग सीढ़ियों तक न पहुंची हो तो सीढियों से उतरने की कोशिश करें। घटनास्थल पर भीड़ न होने दें, इससे फायर ब्रिगेड को काम करने में परेशानी होगी।
  • यदि कोई व्यक्ति आग से झुलस गया हो तो उसे जमीन पर न लिटाएं बल्कि कंबल या किसी भारी कपड़े में लपेटने की कोशिश करें। वहीं अगर आपने ऐसे कपड़े पहने हैं जिन्हें आग जल्दी पकड़ सकती है तो उतार कर फेंक दें, ऐसी स्थिति में आपकी जान का बचना ज्यादा जरूरी है।
  • सामान जल रहा है तो पानी-रेत-फोमकेमिकल का छिड़काव कर आग बुझाएं। अगर आग बिजली के तारों या शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है तो पानी का इस्तेमाल न करें।
  • बता दें, यदि आग कपड़ों तक आ जाए तो जमीन पर रोल कर उसे बुझाने की कोशिश करें। चादर, कंबल या दूसरा बड़ा कपड़ा मिल जाए तो उसे शरीर पर लपेट लें।
  • इसके बावजूद कोई जल जाए तो जले स्थान पर चूना, हल्दी या टूथपेस्ट न लगाएं, इससे घाव ठीक नहीं होता, डॉक्टर को इलाज में परेशानी होती है।