नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में मणिपुर में हुई हिंसा का मुद्दा जोरों पर है. पिछले कुछ दिनों से जारी हंगामें के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों सदनों में बयान देने की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन पार्टियों (I.N.D.I.A) ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
#WATCH मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों सदनों में बयान देने की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन पार्टियों (I.N.D.I.A) ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/JHQv04jYlc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2023
दरअसल, विपक्ष चाहता है की मणिपुर में हुई हिंसा मामले पर संसद में चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना बयान दें. वहीं सरकार लगातार जोर दे रही है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी नहीं बल्कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह बोलेंगे. गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे के चलते सदन में लगातार हंगामा हो रहा है.
मणिपुर मामले पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा, इस मामले(मणिपुर वायरल वीडियो) पर पूरा देश पीड़ा व्यक्त कर रहा है. हम हाथ जोड़ कर कह रहे हैं कि आप(विपक्ष) इस विषय पर चर्चा करो और हम इससे कुछ निष्कर्ष निकालेंगे. हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि वो(विपक्ष) चर्चा से क्यों भाग रहे हैं. उनकी क्या सोच है, ये समझ नहीं आ रहा है. हम आज भी मांग करते हैं कि आप इस पर चर्चा कीजिए. ये बहुत संवेदनशील मामला है.
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लियाकार्जुन खड़गे ने कहा, हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री इस मामले पर अपनी बात रखें… अगर 140 करोड़ का नेता बाहर प्रेस से बात करता है और 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधी अंदर बैठे हैं, तो आप(प्रधानमंत्री) पहले अंदर अपना बयान दीजिए. उसके बाद हम एक निर्णय लेंगे.
वहीं विपक्ष की ओर से मणिपुर के वायरल वीडियो पर NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, यह मामला राज्यों का नहीं महिलाओं का है. ऐसी घटना किसी भी राज्य में हो तो ग़लत है.