फैक्ट चेक: स्क्रिप्टेड है महिला सफाई कर्मी के साथ हो रहे भेदभाव का वीडियो, पढ़ें पूरी खबर
इन दिनों सोशल पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में एक महिला सफाईकर्मी को एक दूसरी महिला द्वारा अपने घर की चौखट से दूर भगाते हुए देखा जा सकता है। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जातीय भेदभाव का एक बढ़िया उदाहरण है। इसी वीडियो के आधार पर देश में जातीय आरक्षण की भी पैरवी की जा रही है।
फेसबुक पर वायरल वीडियो शेयर कर अंग्रेजी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि ‘This video will tell you why reservation is necessary. Has this discrimination happened with any Brahmin Baniya Thakur person?’
हिंदी अनुवाद:- यह वीडियो आपको बताएगा कि आरक्षण क्यों जरूरी है। क्या ये भेदभाव किसी ब्राह्मण बनिया ठाकुर व्यक्ति के साथ हुआ है
फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
फैक्ट चेक:
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। इस दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स तोड़ा और फिर गूगल पर खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो ट्विटर पर जून 22, 2020 को अपलोड किया गया था। यहाँ वीडियो के साथ बताया गया है कि यह मामला कोरोना के दौरान का है जहाँ एक पौरकर्मिकास महिला के साथ ऐसे दुर्व्यवहार हो रहा है।
This casteist POS used Corona to illtreat pourakarmikas. Will #bbmp stand up and boycot this casteist asshole and make her rot in their own waste pic.twitter.com/HCPPoId0hP
— தோழர் Guppy (@guppystweet) June 22, 2020
वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कीफ्रेम के साथ-साथ कुछ सम्बंधित कीवर्ड्स के साथ गूगल पर खोजना शुरू किया। इसके बाद हमें वायरल वीडियो Asianet Newsable वायरल वीडियो मिला। यहाँ कैप्शन में जानकारी दी गयी थी कि घर के मालिक ने पौराकर्मिकों को पीने का पानी देने से इनकार कर दिया। वायरल वीडियो जागरूकता के लिए है” यह वीडियो यूट्यूब पर 24 जून, 2020 को अपलोड किया गया था। बता दें कि ‘पुराकर्मिका’ नागरिक निकाय ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के तहत स्वच्छता कार्यकर्ता हैं।
वीडियो के कैप्शन में यह जानकारी दी गयी है कि जब यह वीडियो 2020 में वायरल हुआ था, तो कई लोगों ने इसे वास्तविक घटना माना था, लेकिन असल में यह वीडियो जागरूकता पैदा करने के लिए बनाया गया था। जिसमें खुद पौराकर्मिकों ने खुद अलग-अलग भूमिकाएँ निभाईं थी। घर की मालिक महिला और वर्दीधारी दोनों बीबीएमपी पौराकर्मिका सदस्य हैं।
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि कई दिनों पुराना है साथ ही यह वीडियो असल घटना का नहीं बल्कि स्क्रिप्टेड है