तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे ने दिया विवादित बयान, ‘सनातन धर्म को बताया एक बीमारी’
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर एक बड़ा विवादित बयान दिया है। उन्होंने से सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया बताते हुए कहा कि इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।
Chennai | I thank the organisers of this conference for giving me the opportunity to deliver a special address. You have kept the name of the conference as 'Sanatana Abolition Conference' rather than 'Anti-Sanatana Conference', I appreciate that. Few things cannot be opposed,… pic.twitter.com/UvESuedy2X
— ANI (@ANI) September 2, 2023
सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं समेत कई लोग उदयनिधि के बयान पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. दरअसल, उदयनिधि ने ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ में बोलते हुए कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. उदयनिधि ने कहा कि ‘कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे खत्म करना होगा. इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है।’
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन का विरोध करने के बजाय, इसे खत्म किया जाना चाहिए. सनातन नाम संस्कृत से है. यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।
वहीं तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर डीएमके के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने कहा, ” हमारे नेता उदयनिधि के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, संदर्भ से बाहर कर दिया गया है और सबसे बड़े फर्जी समाचार विक्रेता ने एक ट्वीट किया है कि उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार के लिए कहा था। यदि प्रधानमंत्री ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कहते हैं, तो क्या वह नरसंहार का आह्वान करते हैं? वे कैसे कह सकते हैं कि उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार का आह्वान किया है? वह एक फर्जी खबर है, वह घृणास्पद भाषण है। फर्जी खबरें लाने और नफरत फैलाने के लिए उन्हें कानून के प्रति जवाबदेह होना होगा। जब हम कहते हैं कि हम ‘सनातन धर्म’ को ख़त्म करना चाहते हैं तो इसका मतलब है कि हम कठोर जाति व्यवस्था को ख़त्म करना चाहते हैं।”