किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को पदकों को गंगा में प्रवाहित करने से रोका, दिया 5 दिन का अल्टीमेटम
भाजपा सांसद और WFI प्रमुख ब्रिज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों ने इंसाफ की मांग करते हुए अपने सभी पदकों को गंगा में प्रवाहित करने का फैसला लिया था। इसी क्रम में आज पहलवान अपने समर्थकों के साथ ‘हर की पौड़ी’ हरिद्वार पहुंचे थे। लेकिन यहां गंगा समिति के अध्यक्ष ने मेडल बहाने से मना कर दिया। इसके थोड़ी देर बाद किसान नेता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने पहुंचे और मेडल ले लिए और पांच दिन का समय मांगा।
#WATCH हरिद्वार: नरेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे, उन्होंने पहलवानों से मेडल लिए और पांच दिन का समय मांगा।
पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर WFI प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध के निशान के रूप में गंगा नदी में अपने पदक विसर्जित करने के लिए एकत्र हुए हैं।… pic.twitter.com/UmnJr2hacD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 30, 2023
इस दौरान नरेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बड़ी मेहनत से उन्होंने(पहलवानों) यह पदक जीता है। वे हमारी बैटियां हैं उनके साथ अन्याय हो रहा है। एक आदमी को बचाने के लिए पूरी भारतीय सरकार लगी है। कल खाप पंचायत की बैठक होगी। 5 दिन के अंदर निर्णय लिए जाएंगे।
WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं. आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे, जिसके बाद हमाले जीने का कोई मतलब नहीं रहेगा. इसलिए हम हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.
जारी पत्र में कहा गया है कि ‘इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां ही है… जितना पवित्र हम गंगा मां को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया. ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है’.
गौरतलब है कि 28 मई को संसद भवन के पास आंदोलन कर रहे पहलवानों ने बैरिकेड को तोड़कर जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर बढ़ने का प्रयास किया जिसके बाद उनके और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई. इसके बाद पहलवानों को हिरासत में लिया गया और दिल्ली में अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया.