ये कहने के एक दिन बाद कि कांग्रेस का मकसद एनडीए को हराने का है और प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कांग्रेस की प्राथमिक चिंता नहीं है, शुक्रवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि अगर केंद्र में स्थिर सरकार की जरूरत पड़ती है तो उनकी पार्टी को मौका मिलना चाहिए.
आजाद ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा,“नहीं, यह सच नहीं है कि कांग्रेस दावा नहीं करेगी या कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के लिए इच्छुक नहीं है. बेशक, हम सबसे बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी हैं. अगर हमें पांच साल तक सरकार को चलाना है तो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को मौका दिया जाना चाहिए.”
Ghulam Nabi Azad, @INCIndia:No, this is not true that Congress will not claim or Congress is not interested in Prime Minister post. Of course we are the biggest and oldest political party. If we have to run the govt for five years biggest political party should be given a chance. pic.twitter.com/jgJismJPA6
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) May 17, 2019
गुरुवार को, आजाद ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद अगर पीएम का पद उन्हें नहीं दिया जाता है तो कांग्रेस इसे मुद्दा नहीं बनाएगी.
पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए आजाद की टिप्पणी पर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि चुनाव खत्म होने से पहले ही पार्टी पीछे हट गयी है.
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पीएम मोदी ने कहा, “वोटिंग खत्म होने से पहले, एग्जिट पोल से पहले, मतगणना से पहले, (कांग्रेस) खुले तौर पर कह रही है कि वह पीएम पद पर अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार है.”
कांग्रेस नेता का यह बयान इसलिए भी ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है क्योंकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव परिणामों से पहले हालिया परिदृश्यों की तैयारी के लिए सभी विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें उनकी भागीदारी को लेकर बात होने की संभावना है.