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करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान की बैठक, एजेंडे पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा

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करतारपुर कॉरिडोर और उससे जुड़े टेक्निकल मुद्दों के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाघा सीमा पर पहुंचा गया है.

सूत्रों के मुताबिक  20 से अधिक पाकिस्तानी अधिकारी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, जिसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैजल कर रहे हैं.

वहीं, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एससीएल दास और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल कर रहे हैं.

करतारपुर कॉरिडोर पर जारी बैठक के बीच पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि, ‘पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को संचालित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध और सहयोग कर रहा है. 70% से अधिक गुरुद्वारा का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. हमें आज उत्पादक चर्चा होने की उम्मीद है.’

बताया जा रहा है कि दोनों ही पक्षों के बीच हो रही बैठक में भारत बुनियादी ढांचे, तीर्थयात्रियों के आवागमन और सुरक्षा सहित कई प्रमुख मुद्दों को उठा सकता है. भारत ने पाकिस्तान की ओर से सड़क निर्माण की वजह से डेरा बाबा नानक में संभावित बाढ़ को लेकर भी चिंता जताई है.

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बता दें कि करतारपुर पर दोनों देशों के अधिकारियों बीच रविवार को होने वाली बातचीत पहले दो अप्रैल को होनी थी, जो कॉरिडोर से जुड़ी एक कमिटी में पाकिस्तान द्वारा ‘विवादास्पद एलिमेंट’ की नियुक्ति के बारे में रिपोर्ट सामने आने के बाद स्थगित कर दी गयी थी.

करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ेगा और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा.  भारत कॉरिडोर के निर्माण में 500 करोड़ रुपए खर्च करेगा। स्पेशल अवसरों पर 10,000 तीर्थयात्रियों और हर दिन 5000 तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाईटेक सुरक्षा और निगरानी सिस्टम स्थापित किया जाएगा.

 

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