कोलंबो: श्रीलंका में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच श्रीलंका ने गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद, बुधवार को रानिल विक्रमसिंघे को नए राष्ट्रपति के रूप में चुना, जो एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच मालदीव के रास्ते देश छोड़ सिंगापुर भाग गए थे.
रानिल विक्रमसिंघे अन्य दो उम्मीदवार एसएलपीपी सांसद दुल्लास अल्हापेरुमा और नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. बता दें कि राजपक्षे के इस्तीफे के बाद वह श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति थे.
श्रीलंका चुनाव से जुड़े कुछ अपडेट:
- श्रीलंका के मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद की दौड़ से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और कहा कि वह शीर्ष पद के लिए प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार दुल्लास अल्हाप्परुमा का समर्थन कर रहे हैं.
- प्रेमदासा ने ट्वीट कर कहा, कि वह इस निर्णय के साथ आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि वह लंकावासियों के लिए “अधिक अच्छा” चाहते हैं. “अपने देश की अधिक भलाई के लिए जिसे मैं प्यार करता हूं और जिन लोगों को मैं प्यार करता हूं, मैं राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेता हूं. समागी जाना बालवेगया और हमारा गठबंधन और हमारे विपक्षी सहयोगी दुल्लास अल्हापेरुमा को विजयी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.
- विक्रमसिंघे जो 73 साल के हैं. उन्हें राजपक्षे परिवार की SLPP पार्टी का समर्थन प्राप्त है. श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में SLPP बहुमत में है.
- रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर देश में आपातकाल लगा दिया है, जिसमें सुरक्षा बलों और पुलिस को बड़े स्तर पर ताकत दी गई है.
- तमिल सांसद धर्मलिंगम सीथादथान ने एएफपी को बताया कि रानिल को कानून-व्यवस्था लागू करने वाले उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है.