तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर साझा करने पर गिरफ्तार हुई युवा भाजपा कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मंज़ूरी दे दी.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा को बेल देने पर एक शर्त रखी है. शर्त के अनुसार उन्हें फेसबुक पर साझा की गयी तस्वीर के लिए बनर्जी से लिखित में माफ़ी मांगनी होगी. कोर्ट ने कहा कि उन्हें तत्काल रिहा किया जाएगा, लेकिन उन्हें बाहर निकलते ही लिखित में माफ़ी मांगनी होगी.
#SupremeCourt grants conditional bail to @BJP4India youth wing worker #PriyankaSharma on tendering written apology for putting objectionable picture of West Bengal Chief Minister #MamataBanerjee on social media https://t.co/9dC5KWPB0K pic.twitter.com/vS1iohlfwJ
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) May 14, 2019
अदालत में प्रियंका शर्मा का पक्ष उनके वकील एनके कौल ने रखा, जिन्होंने राज्य सरकार के इस कदम को गैर कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर एक मीम साझा करने के लिए 14 दिन की हिरासत में रखा जाना कहां तक जायज़ है.
कौल की इस दलील पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बोलते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी वहीं तक रहती है जब तक वह किसी के अधिकारों और भावनाओं का उल्लंघन ना करती हो.
इस तर्क के आधार पर जस्टिस बनर्जी ने कहा कि शर्मा को ममता बनर्जी से माफ़ी मांगनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रियंका शर्मा भाजपा कार्यकर्ता है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. अगर वे सामान्य नागरिक होती तो मामला दूसरा होता.
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अदालत ने 25 वर्षीय को हिरासत में लेने के तरीके पर पश्चिम बंगाल पुलिस को नोटिस भी जारी किया. इससे पहले सोमवार को, शीर्ष अदालत ने प्रियंका की याचिका को स्वीकार कर लिया था, जिसमें टीएमसी प्रमुख की मोर्फेड तस्वीर साझा करने पर पश्चिम बंगाल में पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी.
बंगाल के हावड़ा में भारतीय जनता युवा मोर्चा की सदस्य प्रियंका ने अपने फेसबुक अकाउंट पर प्रियंका चोपड़ा के मेट गाला लुक पर ममता बनर्जी के चेहरे की तस्वीर को चस्पा कर शेयर किया था.
उन्हें शुक्रवार, 10 मई को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था और स्थानीय अदालत द्वारा 11 मई को 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था.