वाशिंगटन, डी.सी.: बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा में खुशी-खुशी भाग लिया, जिससे व्हाइट हाउस में जोशपूर्ण माहौल बन गया.
View this post on Instagram
न्यूजमोबाइल के प्रधान संपादक, सौरभ शुक्ला ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके प्रशासन द्वारा भारत के लोगों का सम्मानजनक स्वागत किए जाने पर 1.4 अरब भारतीयों द्वारा महसूस किए गए गहन गर्व को व्यक्त किया. यह अवसर दोनों देशों के बीच दोस्ती और साझेदारी में एक जश्न मनाने वाला मील का पत्थर साबित हुआ.
रिपब्लिक मीडिया प्रमुख अर्नब गोस्वामी के साथ एक विशेष चर्चा के दौरान, सौरभ शुक्ला ने प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच की केमिस्ट्री के अपने प्रत्यक्ष अनुभव से अवगत कराया, और कूटनीति में केमिस्ट्री की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. दोनों नेता इस द्विपक्षीय रिश्ते को पोषित करने और आगे बढ़ाने, संशयवादियों को चुनौती देने और समृद्ध भविष्य के लिए मंच तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
‘व्हाइट हाउस में आज बिजली जैसा माहौल था. यहां तक की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस को संबोधित करते हुए यह बात कही. आज, 1.4 बिलियन भारतीयों को उस सम्मान पर बहुत गर्व महसूस हुआ जो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिकी प्रशासन ने भारत के लोगों को दिया. यह दोस्ती और साझेदारी का जश्न है, और मैं आपको बता सकता हूं कि मैं वहीं पर था, कोई भी दोनों नेताओं के बीच की केमिस्ट्री को महसूस कर सकता है और हम जानते हैं कि केमिस्ट्री कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वास्तव में, यही कारण है कि आपने पीएम मोदी का इस तरह का स्वागत देखा है. दोनों नेता यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि यह रिश्ता न केवल फले-फूले, बल्कि नकारने वालों की बातों को भी झुठलाए. यह भविष्य का रिश्ता है,’: NewsMobile संपादक, सौरभ शुक्ला.
उन्होंने महत्वपूर्ण राजनयिक घोषणाओं का खुलासा करते हुए अपेक्षित संयुक्त बयान में विशेष अंतर्दृष्टि भी साझा की. सूत्रों ने रिश्ते के बढ़ते महत्व को उजागर करते हुए भारत में अतिरिक्त राजनयिक चौकियों की स्थापना का संकेत दिया.
इसके अलावा, शिकागो विश्वविद्यालय में एक विवेकानंद पीठ स्थापित की जा सकती है, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान का प्रतीक है. वार्ता में विवाद निपटान, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष अन्वेषण और एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा हुई.