कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अब एक और वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी अप्रूवल यानी आपातकाल मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार को जानकारी दी है कि Johnson & Johnson कंपनी के single shot vaccine यानी सिंगल डोज वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। बता दे इसी के साथ यानी Johnson & Johnson कंपनी के वैक्सीन को मंजूरी मिलने के साथ ही अभी तक देश में पांच कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है।
India expands its vaccine basket!
Johnson and Johnson’s single-dose COVID-19 vaccine is given approval for Emergency Use in India.
Now India has 5 EUA vaccines.
This will further boost our nation's collective fight against #COVID19
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 7, 2021
भारत के पास है यह टीके।
फिलहाल, भारत में फिलहाल कोवैक्सिन, कोविशील्ड और रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की मदद से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके मंजूरी मिलने से अब दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में एक और वैक्सीन जुड़ गई है। कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी, ये तीनों डबल डोज वाली वैक्सीन है। और तो और इन्हीं तीन टीकों की इनकी से 130 करोड़ के करीब जनसंख्या वाले देश में 50 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
कल ही भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के बहुत अहम पड़ाव को पार किया है।
दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या से भी अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है।
ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है: PM @NarendraModi जी #SabkoVaccineMuftVaccine pic.twitter.com/UucCQUVWwT
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 7, 2021
सोमवार को ही कंपनी ने दिया था यह बयान।
कंपनी ने इससे पहले सोमवार को कहा था कि वह भारत में अपनी एकल खुराक वाली कोविड-19 वैक्सीन लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में भारत सरकार के साथ चल रही चर्चा को लेकर आशान्वित है। कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड ने पांच अगस्त 2021 को भारत सरकार के पास अपनी एकल खुराक वाली यानी सिंगल डोज़ वैक्सीन के ईयूए के लिए आवेदन किया।’
थर्ड फेज के ट्रायल के परिणाम में यह है दावा।
इधर थर्ड फेज के ट्रायल के परिणाम में दावा किया गया था कि कंपनी की सिंगल-शॉट वैक्सीन 85 प्रतिशत तक सुरक्षा देती है। ये भी डाटा में दावा किया गया है कि वैक्सीन लगने के 28 दिनों के भीतर ये मृत्यु दर को कम करने, मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या को भी कम करने में सक्षम है।