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फैक्ट चेक: कथित घायल बिहारी मजदूरों की यह तस्वीरें स्क्रिप्टेड वीडियो से ली गयी हैं, भ्रामक दावे के साथ वायरल हुई तस्वीरें 

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फैक्ट चेक: कथित घायल बिहारी मजदूरों की यह तस्वीरें स्क्रिप्टेड वीडियो से ली गयी हैं, भ्रामक दावे के साथ वायरल हुई तस्वीरें 

 

इन दिनों में तमिन नाडु में हिंदी भाषी व बिहारी मजूदरों पर कथित हमलों की खबर वायरल हो रही है हालांकि बिहार सरकार और तमिल नाडु की राज्य सरकार इस तरह के किसी भी टार्गेटेड हमलों की खबरों को सिरे से नकार रहे हैं। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर कथित रूप से घायल कुछ लोगों की तस्वीरें वायरल हो रही है। तस्वीरों को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे यह लोग किसी मीडिया सस्थान को इंटरव्यू दे रहे हैं। इन्हीं तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें देख कर सच देखा जा सकता है कि तमिलनाडु में कैसे बिहारी मजदूरों पर हमला किया जा रहा है।

फेसबुक पर वायरल तस्वीरों को शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि,’तेजस्वी यादव जी चश्मा हटा के इस फोटो को देखिए मजदूरों के चेहरे पर घाव और जिस मीडिया ने रिकॉर्डिंग किया है उसका मोबाइल नंबर भी है। एक बार बात करके तो देखिए क्या पता आप झूठ बोल रहे हैं और मजदूर सच में तमिलनाडु में परेशान हैं।

साथ ही साथ जातीय जनगणना की बात करते हैं ना तो एक बार इन लोगों से जात भी पूछ लीजिएगा थोड़ा आपको दिल को सुकून मिलेगा।’

 

 

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें

 

फैक्ट चेक  

 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने पाया कि वायरल तस्वीर एक स्क्रिप्टेड वीडियो से गयी हैं, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों के साथ शेयर किए जा रहे दावे की पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें  गूगल पर तमिलनाडु पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा किया गया एक पोस्ट मिला। बता दें कि यह पोस्ट मार्च 08, 2023 को अपलोड किया गया था।

इस पोस्ट में एक वीडियो अपलोड किया गया था। बता दें कि इसी वीडियो से वायरल तस्वीरों को लिया गया था। तमिल नाडु पुलिस ने इस वीडियो को अपलोड करते हए बताया कि वीडियो को फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि यह वीडियो पूर्णतः स्क्रिप्टेड है।

पड़ताल के दौरान हमें वो BNR News नामक यूट्यूब चैनल भी मिला जहां वायरल वीडियो को अपलोड किया गया था।  चैनल पर वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया था कि ‘हमने एक काल्पनिक सामग्री बनाई है जो वायरल वीडियो पर आधारित है। हमारा एक ही मकसद है कि आपको काल्पनिक तरीके से वायरल वीडियो के बारे में ज्ञान और जानकारी दें। इसे गंभीरता से मत लो।’ इससे यह साफ़ हो गया कि यह वीडियो स्क्रिप्टेड है।

 

पड़ताल के दौरान हमें मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल तस्वीरों की भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। जिस वीडियो के आधार पर वायरल तस्वीरों के साथ बिहारी मजदूरों पर हमले की खबर कही जा रही है वह वीडियो ही स्क्रिप्टेड है।