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DeepFake के अवैध उपयोग के चलते IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और हितधारकों के साथ की बैठक

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नई दिल्ली: केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज डीप फेक के मुद्दे पर आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और हितधारकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैठक के लिए बुलाया गया था. सभी के साथ चर्चा हुई और सभी ने डीपफेक के खतरे और इसकी गंभीरता को स्वीकार किया कि ये एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा उभर कर आया है. हमें 4 चीजों पर मिलकर काम करना पड़ेगा.

 

  1. इसकी जांच कैसे हो?
  2. इसे वायरल होने से कैसे बचाएं?
  3. कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करे और इस पर तुरंत कार्रवाई हो सके?
  4. इस पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सब मिलकर कैसे काम करें?”

 

उन्होंने आगे कहा, “इस पर एक नए विनियमन की जरूरत है, इस पर त्वरित भाव से कार्रवाई शुरू होगी. आगामी कुछ हफ्तों में विनियमन के ड्राफ्ट को तैयार करने की कोशिश की जाएगी जिससे जल्द से जल्द सामाजिक संस्थाओं को बचाने का काम किया जाएगा.”

 

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के तेजी से विकास की व्यापक जांच की जरूरत पर जोर दिया था. उन्होंने 20 देशों के समूह (जी20) देशों से इस जरूरी मुद्दे से निपटने के लिए मिलकर काम करने की अपील की है.

 

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का विकास किया जाना चाहिए.

 

पीएम मोदी ने कहा, “एआई को लोगों तक पहुंचना चाहिए और यह समाज के लिए सुरक्षित होना चाहिए.” उन्होंने कहा, “डीपफेक एक बड़ी चिंता का विषय है. एआई को जनता के लिए सुरक्षित होना चाहिए, ”

 

हाल के सप्ताहों में एआई के अवैध उपयोग के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं, क्योंकि अपराधी अभिनेताओं और सोशल मीडिया प्रभावितों को लक्षित करने वाले डीपफेक वीडियो का उपयोग करते हैं. एआई का व्यापक प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों को बदलने और बाधित करने, व्यवसायों की परिचालन गतिशीलता को मौलिक रूप से नया आकार देने में बना हुआ है.