BRS नेता कविता को ED ने किया गिरफ्तार, दिल्ली शराब घोटाले को लेकर हुई कार्रवाई
दिल्ली शराब नीति के मामले में आज शुक्रवार को ED ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने तेलंगाना के पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ़्तारी के बाद ED ‘के. कविता’ को तेलंगाना हैदराबाद हवाई अड्डे ले गयी जहां से उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है। बता दें कि ED उनसे दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आगे की पूछताछ करेगी।
#WATCH हैदराबाद, तेलंगाना: बीआरएस एमएलसी के. कविता को ईडी द्वारा हवाईअड्डे लाया गया।
उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है, जहां उनसे दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आगे की पूछताछ की जाएगी। pic.twitter.com/m5zEDBpbNn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2024
बता दें कि गिरफ़्तारी से पहले BRS एमएलसी के. कविता के आवास का एक वीडियो भी सामने आया है जहां । ईडी और बीआरएस नेता केटीआर राव के बीच तीखी नोकझोंक होते हुए देखा जा सकता है।
#WATCH BRS एमएलसी के कविता के आवास के अंदर की वीडियो सामने आई। ईडी और बीआरएस नेता केटीआर राव के बीच तीखी नोकझोंक चल रही है।
के कविता को ईडी द्वारा दिल्ली लाया जा रहा है। उनसे आगे पूछताछ की जाएगी।
(वीडियो सोर्स: बीआरएस कार्यकर्ता) pic.twitter.com/sK1v32Zwfg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2024
बता दें कि बीआरएस नेता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 16 जनवरी को इस मामले में नए दौर की पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश नहीं हुईं थीं। पिछले साल इस मामले में उनसे तीन बार पूछताछ की गई थी और केंद्रीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत उनका बयान दर्ज किया था। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी के कविता ने पहले कहा था कि कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और आरोप लगाया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ईडी का उपयोग कर रही हैं, क्योंकि बीजेपी तेलंगाना में बैक डोर से एंट्री नहीं कर सकती है।
दिल्ली शराब नीति मामले के आरोपियों में से एक अमित अरोड़ा ने पूछताछ के दौरान के कविता का नाम लिया था। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि साउथ ग्रुप नामक एक शराब लॉबी थी, जिसने एक अन्य आरोपी विजय नायर के माध्यम से आम आदमी पार्टी (आप) के कई नेताओं को 100 करोड़ रुपये तक का भुगतान किया था।