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AIIMS Bhopal ने काबिज की इंसानियत की नई मिसाल, डॉक्टरों ने उठाई पार्किंग में अकेला छोड़ गए परिजन के इलाज की जिम्मेदारी

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भोपाल: अस्पताल के बाहर एक बेसहारा व्यक्ति जिसके पैर में लगे थे कीड़े पूरी शरीर पर मक्खियों का घेराव और वह दर्द से तड़प रहा था. यह मंजर था एम्स भोपाल की पार्किंग का. जहां एक मरीज की मदद करने वाला कोई नहीं था तभी इस दौरान मरीज पर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की डॉ. रश्मि की नजर पड़ी और उन्होंने इंसानियत के साथ-साथ एक डॉक्टर फर्ज निभाते हुए उस मरीज की मदद की.

 

न्यूज़मोबाइल की टीम जब एम्स भोपाल पहुंची तो उन्होंने इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की डॉ. रश्मि से बात की. डॉ. रश्मि ने बताया कि जब वह वहां अपनी गाड़ी पार्क करके उतर रही थी कि तभी उन्हें पार्किंग में यह मरीज दिखाई दिया उसके पास से अजीब सी बदबू आ रही थी. व्यक्ति से पूछा तो उसने बताया कि परिजन यहां छोड़ कर चले गए. इसके बाद डॉ. रश्मि और विभाग के प्रमुख डॉ. यूनुस ने सोशल वर्क की मदद से मरीज को पार्किंग से उठा कर पहले नहलाया और भोजन कराया.

 

उन्होंने आगे कहा, मरीज को भर्ती कर पैर का एक्सरे किया गया, जिसमें सामने आया कि मरीज के पैर में गहरा घाव होने के साथ पंजे और पैर के बीच की हड्डी भी टूटी हुई थी. मरीज के पास कोई पहचान पत्र नहीं था. ऐसे में उसको किसी योजना में भर्ती कर इलाज मुहैया कराना संभव नहीं था. ऐसे में डॉक्टरों ने पैसे एकत्र कर उसका इलाज किया.

 

बता दें कि, मरीज का पूरा खर्च रोगी कल्याण समिति से उठाने के निर्देश दिए, जिसके तहत मरीज की ऑर्थोपेडिक विभाग में पैर की सर्जरी की गई. अब मरीज स्वस्थ है और ऑर्थोपेडिक विभाग में भर्ती है. एम्स भोपाल की इस पहल ने अस्पताल को एक नए नजरिए से देखने की सीख दी है. वहीं इस घटना के बाद डॉ. अजय सिंह, डायरेक्टर, एम्स भोपाल ने मीडिया के जरिए परिजनों से अपने मरीजों के साथ रहने की अपील की. उन्होंने कहा इस कठिन परिस्थिती में अपने मरीज को बेसहारा ना छोड़े उनके साथ खड़े रहें.