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वर्ल्ड फूड इंडिया: पीएम मोदी ने कार्यक्रम को किया संबोधित, बोले- ’21वीं सदी की सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक फ़ूड सिक्योरिटी…’

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वर्ल्ड फूड इंडिया: पीएम मोदी ने कार्यक्रम को किया संबोधित, बोले- ’21वीं सदी की सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक फ़ूड सिक्योरिटी…’

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को भारत मंडपम में वर्ल्ड फ़ूड इंडिया कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि, वर्ल्ड फूड इंडिया 2023′ के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “स्वाद और तकनीक का ये फ्यूजन एक नए भविष्य को जन्म देगा, एक नई इकोनॉमी को गति प्रदान करेगा। आज की बदलती हुई दुनिया में 21वीं सदी की सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक फ़ूड सिक्योरिटी भी है। इसलिए ‘वर्ल्ड फूड इंडिया का ये आयोजन और भी अहम हो गया है।”

 

पीएम मोदी ने कहा कि ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023′ के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत में, प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को उभरते क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। पिछले नौ वर्षों में इस क्षेत्र ने एफडीआई में 50,000 करोड़ रुपए को आकर्षित किया है। यह भारत सरकार की उद्योग समर्थक और किसान समर्थक नीतियों का परिणाम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ के निर्यात में 150% की वृद्धि हुई है। आज हमारा कृषि-निर्यात विश्व स्तर पर 7वें स्थान पर पहुंच गया है। खाद्य क्षेत्र में, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें भारत ने प्रगति न की हो। यह विकास तीव्र लग सकता है, लेकिन यह निरंतर और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान, भारत ने पहली बार कृषि क्षेत्र में निर्यात नीति लागू किया है। हमने पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क स्थापित किया है।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कार्य्रकम को संबोधित करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है…रोजमर्रा की जो जरूरतें होती हैं, उनको प्रधानमंत्री मोदी ने बिना भेदभाव किए देश के हर परिवार तक पहुंचाया और इससे भारत के नौजवानों में आशा और अपेक्षा जागृत हुई है और वो देश के निर्माण में, आर्थिक प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं।

बता दें कि इस दौरान 1 लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को 380 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी सहायता के वितरण भी किया गया।