नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नितिन गडकरी और अन्य सांसदों ने पुराने संसद भवन से निकलकर नए भवन में प्रवेश किया. इसके बाद नई संसद में सदन की कार्यवाही राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई. नई संसद में पीएम मोदी ने अपना पहला संबोधन देते हुए कहा कि ‘सभी सांसदों का स्वागत है, यह ऐतिहासिक सत्र है.’
महिला आरक्षण को लेकर पीएम मोदी ने नई संसद में बड़ा ऐलान किया. पीएम ने कहा, नारी शक्ति वंदन अधिनियम आएगा, सर्वसम्मति से पास कराएं बिल.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले संबोधन में महिला आरक्षल बिल का जिक्र करते हुए कहा, ‘अनेक सालों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं. बहुत संवाद हुए हैं. पहली बार 96 में पेश हुआ था. अटल जी के समय भी कई बार पेश हुआ लेकिन नंबर न होने के कारण पास नहीं करा पाए. शायद ईश्वर ने ऐसे पवित्र काम के लिए मुझे चुना है.’
इसके साथ ही उन्होंने महिला आरक्षण पर ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ लाने का ऐलान करते हुए लोकसभा में सभी सांसदों से इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कराने की अपील की.
वहीं लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण से जुड़ा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पेश किया, जिसे सदन में ध्वनिमत से पारित करा दिया गया.
#WATCH नए संसद भवन की लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया। #LokSabha #WomenReservationBill https://t.co/5BUqXWmyxk
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) September 19, 2023
इस बिल में प्रावधान है कि राज्यों की विधानसभा और संसद में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित रखी जाएंगी. इसके लागू होते ही देश की संसद में और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू हो जाएगा. इस बिल के मुताबिक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें एससी-एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाएंगी. इन आरक्षित सीटों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग क्षेत्रों में रोटेशन प्रणाली से आवंटित किया जा सकता है.