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महादेव बेटिंग ऐप मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भूपेश बघेल पर लगाए आरोप- महादेव ऐप केस में CM को मिले थे पैसे

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नई दिल्ली: महादेव बेटिंग ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smiriti Irani) ने आज कांग्रेस और बघेल पर जमकर निशाना साधा है. स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल कर छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ रही है.

 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया सत्ता में रहकर, सत्ता का खेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेतृत्व का एक बहुत बड़ा चेहरा बन चुका है. कल भूपेश बघेल जी के खिलाफ कुछ चौंका देने वाले तथ्य देश के सामने प्रस्तुत हुए हैं. असीम दास नामक एक व्यक्ति से 5.30 करोड़ रुपए से ज्यादा बरामद हुए हैं. मैं आज कुछ प्रश्न पूछना चाहती हूं -क्या ये सत्य है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेताओं को शुभम सोनी के माध्यम से असीम दास पैसा पहुंचाते थे? क्या ये सत्य है कि शुभम सोनी के एक वॉइस मैसेज के माध्यम से असीम दास को ये आदेश दिया गया कि वो रायपुर जाएं और भूपेश बघेल को चुनाव के खर्चे के लिए पैसा दें?

 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘चंद्रभूषण वर्मा ने छत्तीसगढ़ पुलिस से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महादेव बेटिंग के प्रमोटर्स और छत्तीसगढ़ की सत्ता में रहने वाले नेताओं के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करने की बात कबूल की है. उन्होंने 65 करोड़ रुपये की घूस की रकम को संभालने की बात कबूल की है. कई जांच और दर्ज किए गए बयानों से पता चला है 450 करोड़ रुपये की अपराध आय भी जब्त की गई.’ उन्होंने कहा कि मैं भूपेश बघेल से सवाल पूछती हूं कि क्या यह सच है कि गिरफ्तार किए गए असीम दास को पैसे लेने और कांग्रेस पार्टी के चुनावों में मदद करने के निर्देश दिए गए थे?

 

वहीं आज छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आरोपों पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब भी चुनाव होते हैं तो भाजपा के लिए मुख्य हथियार ED और IT बन जाती है. हमने कर्नाटक चुनाव में देखा कि चुनाव के दौरान ही उन्होंने 100 से ज्यादा कांग्रेस उम्मीदवारों पर रेड की… अब मिजोरम समेत सभी 5 राज्यों में जनता का मूड बिल्कुल साफ है. सभी राज्यों में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है…उनके पास एक ही हथियार ED है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों में हमारी सरकार लोकप्रिय है और योजनाएं आम लोगों तक पहुंच रही हैं… लेकिन उनका एक ही लक्ष्य है, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाना है.”