नई दिल्ली: बिलकिस बानो ने 2002 के गुजरात दंगों में सामूहिक बलात्कार के दोषी 11 लोगों की रिहाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
बिलकिस बानोस के वकील ने लिस्टिंग के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. CJI ने कहा कि वह इस मुद्दे की जांच करेंगे कि क्या दोनों दलीलों को एक साथ सुना जा सकता है और क्या उन्हें एक ही बेंच के सामने सुना जा सकता है.
गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को छूट देने के अपने फैसले का उच्चतम न्यायालय के समक्ष बचाव करते हुए कहा था कि छूट इसलिए दी गई क्योंकि उन्होंने जेल में 14 साल की सजा पूरी कर ली और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया.
राज्य सरकार ने कहा कि उसने 1992 की नीति के अनुसार सभी 11 कैदियों के मामलों पर विचार किया है और 10 अगस्त, 2022 को छूट दी गई थी और केंद्र सरकार ने भी दोषियों की समय से पहले रिहाई को मंजूरी दे दी थी.