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नालंदा केवल एक नाम नहीं… एक पहचान है: नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस के उद्घाटन पर पीएम मोदी

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बिहार: लोकसभा चुनाव के परिणाम और तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार बिहार पहुंचे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी फिलहाल बिहार के नालंदा दौरे पर हैं, जहां पीएम मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नव निर्मित कैंपस का उद्घाटन किया है. नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा तथा अन्य प्रतिनिधि. इस कार्यक्रम में 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नव निर्मित कैंपस के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में कहा, “मुझे तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है. यह मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं. नालंदा केवल एक नाम नहीं है. नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है. नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है. नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं.”

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं बिहार के लोगों को भी बधाई देता हूं. बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है, नालंदा का ये परिसर उसी की एक प्रेरणा है.”

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था… शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है… शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है. प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था. हर देश हर वर्ग के युवा हैं यहां पर. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं…”

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत में शिक्षा मानवता के लिए हमारे योगदान का एक माध्यम मानी जाती है. हम सीखते हैं ताकि अपने ज्ञान से मानवता का भला कर सकें. 2 दिन के बाद ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है. आज भारत में योग की सैंकड़ों विधाएं मौजूद हैं. हमारे ऋषियों ने इसके लिए कितना गहन शोध किया होगा लेकिन किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया. आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है. योग दिवस एक वैश्विस उत्सव बन गया है…”