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देश में मनाई जा रही है लौह पुरुष की 147वीं जयंती, पीएम मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्पांजलि की अर्पित

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देश में मनाई जा रही है लौह पुरुष की 147वीं जयंती, पीएम मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्पांजलि की अर्पित

 

भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर ‘रन फॉर यूनिटी’ शीर्षक से दौड़ का आयोजन हुआ। इस दौरान देश के हर राज्य में इस दौड़ का आयोजन कर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई गयी। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी जयंती पर गुजरात स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर एकता की शपथ ली।

 

लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती पर गुजरात के एकता नगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आने वाले 25 साल भारत के लिए इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं। इन 25 वर्षों में हमें समृद्ध बनना है, विकसित बनना है।”

उन्होंने कहा कि आप सभी युवाओं का जांबाजों का ये उत्साह राष्ट्रीय एकता दिवस की बहुत बड़ी ताकत है। एक तरह से मेरे सामने लघु भारत का स्वरूप दिख रहा है। राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है।”

उन्होंने कहा, “अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं। भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है। गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है। IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है। इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है।”

पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया भारत की सराहना कर रही है। हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर गर्व है। हमें गर्व है कि जब दुनिया युद्ध और अन्य संकटों का सामना कर रही है, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने वाले हैं।”