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फैक्ट चेक: साल 2019 में गुजरात में हिंसक हुई भीड़ के वीडियो को हालिया हरियाणा के नूह की हिंसा से जोड़ कर किया जा रहा है वायरल

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फैक्ट चेक: साल 2019 में गुजरात में हिंसक हुई भीड़ के वीडियो को हालिया हरियाणा के नूह की हिंसा से जोड़ कर किया जा रहा है वायरल

कुछ लोगों की भीड़ का एक बस पर हमला करते एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह हरियाणा के नूह का वीडियो है जहां समुदाय विशेष के लोगों ने बस पर हमला कर दिया।

फेसबुक पोस्ट इस प्रकार है क्या इन्ही के लिए हमने कल टैक्स रिटर्न फाइल किया है! ‘हरियाणा मेवात जिहादी मुस्लिम झुंड के कब्जे से सुरक्षित निकाली गई हजारों हिंदू महिलाएं,, 80 गाड़ियां जला दी मुस्लिम की भीड़ ने, तीन लोगों की मौत हुई, एक पुलिस स्टेशन को जलाकर राख कर दिया जिहादीयो ने, यदि आप निजी स्वार्थ में डूबे रहोगे, जातियों और टुकड़ों में बटे रहोगे तो ये आग एक दिन आपके घर तक जरूर पहुंचेगी।  जय जय श्री राम ‘

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

फैक्ट चेक: 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो साल 2019 में गुजरात के सूरत में हुई झड़प का है।

वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो को पूरा ध्यान से देखा। इस दौरान हमारी नजर बस के नंबर प्लेट पर पड़ी। बस के नंबर प्लेट पर GJ लिखा हुआ था।

इसका मतलब यह हुआ कि यह गाड़ी हरियाणा की ना होकर गुजरात के किसी आरटीओ में रजिस्टर्ड है। इससे हमें शंका हुई कि यह वीडियो हो सकता है कि हरियाणा का न होकर गुजरात का हो। अब हमने वीडियो को कुछ कीफ्रेम में तोड़कर एक फ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें एक ट्वीटर पोस्ट मिला जिसे 2019 में पोस्ट किया गया था। इस पोस्ट में इस घटना को मुंबई के ठाणे का बताया गया है। लेकिन कमेंट सेक्शन में यह जानकारी दी गई है कि यह वीडियो गुजरात का है।

 

कुछ संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल पर खजाना शुरू किया। अब हमें Ani के द्वारा 2019 में किया गया एक ट्वीट मिला जिसमें वायरल वीडियो का अंश मौजूद है। ट्वीट में बताया गया है कि बस तोड़े जाने की यह घटना सूरत के मानपुरा इलाके की है और 2019 की है। यह घटना सूरत में तब हुई थी जब रैली की अनुमति न देने पर पुलिस और स्थानीय लोगों के मध्य झड़प हो गई थी। इस मामले के बाद उस जगह पर धारा 144 लगा दी गई थी।

 

इसके बाद वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसे यूट्यूब पर खोजा। तब हमें दिव्य न्यूज चैनल पर यह वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो को इस चैनल पर 2019 में अपलोड किया गया था। इससे यह साफ है की वायरल वीडियो मेवात का नहीं है।

इस तरह से बारीकी से पड़ताल करने पर पता चला कि वायरल वीडियो मेवात में हुई हिंसा का नहीं है। यह वीडियो 2019 का है और गुजरात के सूरत है जिसे अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।