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फैक्ट चेक: महिला पर लाठी भांजते पुलिस कर्मी का यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं, जानें पूरा सच

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फैक्ट चेक: महिला पर लाठी भांजते पुलिस कर्मी का यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं, जानें पूरा सच

 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक पुलिस कर्मी और एक गैर वर्दी पहने व्यक्ति एक महिला पर लाठियां भांजते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान महिला पहले चीखती-चिल्लाती हुए खुद को लाठियों के हमले से बचाती है बाद में वहां से चली जाती है। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में शाहजहां शेख के गुंडे और पुलिस दोनों मिलकर एक महिला को पीट रहे हैं ताकि वह उनके सामने आवाज न उठा पाए।

दरअसल पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव की महिलाओं ने पूर्व टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने तथा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नेता को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पार्टी ने भी उसे 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। इसी के बाद फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म पर उक्त वीडियो को शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि “देखो पश्चिम बंगाल के “हैवानों” को। बहन बेटियों को पुलिस और शेख के गुंडे कैसे पीट रहे हैं, ताकि वह डरकर आवाज ना उठायें…शाहजहां जैसा रेपिस्ट पुलिस सुरक्षा में सीना तानकर चलता है, और पीड़ित महिलाओं पर लाठियां बरस रही हैं।”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

 

फैक्ट चेक: 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2020 के दौरान का है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई जिसके बाद हमने अपनी पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान हमने वायरल वीडियो को पहले कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो The Print नामक यूट्यूब चैनल पर मिला। जिसके अप्रैल 22, 2020 को अपलोड किया गया था।

 

वीडियो में अंग्रेजी भाषा के कैप्शन में दी गयी जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो उस दौरान का है जब साल 2020 के दौरान पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बदुरिया में स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर दी और पुलिस के साथ झड़प की। बता दें कि वीडियो में जानकारी दी गयी थी कि यह घटना तब हुई जब स्थानीय लोगों ने लॉकडाउन के बीच राशन सामग्री के अनुचित वितरण का आरोप लगाया था।

उपरोक्त यूट्यूब पर मिली जानकारी की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो Ani के ट्विटर हैंडल पर भी मिला जिसे अप्रैल 22, 2020 को अपलोड किया गया था। ट्विटर पर दी गयी जानकारी के अनुसार यह वीडियो उस दौरान का है, जब स्थानीय लोगों द्वारा सड़क ब्लॉक करने पर आपत्ति जताने के बाद पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गयी थी। यहाँ भी बताया गया है कि उत्तर 24 परगना के बदुरिया में कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच स्थानीय लोग राशन सामग्री के अनुचित वितरण का आरोप लगा रहे थे।

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2020 के दौरान है। इसका हालिया दिनों से कोई संबंध नहीं है।

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