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किन कारणों से खारिज हो सकता है किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र, पढ़ें

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किन कारणों से खारिज हो सकता है किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र, पढ़ें

देश में लोकसभा 2024 के चुनावों की वोटिंग हो रही है। फिलहाल भारत में चार चरण के चुनाव हो चुके हैं, जबकि 3 चरणों के चुनाव अभी बाकी है। इन चुनावों का नतीजा चार जून को आना है। लेकिन इस बीच देश की एक सीट ऐसी भी है, जहां से लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले आने से पहले ही लोकसभा सीट के नए सांसद का ऐलान हो गया। यह मामला गुजरात की सूरत सीट का जहां से कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन पत्र खारिज कर किए जाने के बाद भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल को वहां का सांसद घोषित कर दिया गया।

बता दें कि देश में ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जहां उम्मीदवारों के पर्चा ख़ारिज होने की खबर मिली है। ऐसे में आइये जानते हैं किन कारणों में किसी उम्मीदवार का पर्चा ख़ारिज हो सकता है।

लोकसभा चुनावों में अपना नामांकन भरते समय हर निम्न चीज़ों का रखना होता है विशेष ध्यान-

उम्मीदवार को एक एफिडेविट में खुद से जुड़ी सारी जानकारी सार्वजनकि करनी होती है जैसे-

  • अपनी आय-व्यय की जानकारी 
  • शैक्षिक योग्यता की जानकारी देनी होती है।
  • पासपोर्ट साइज की फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी साथ में लगानी होती है।
  • इसके अलावा उम्मीदवार को नामांकन पत्र में ही अपनी चल-अचल संपत्ति, जैसे गहने और जमीन, कर्ज की जानकारी देनी होती है।
  • शादीशुदा हैं तो पत्नी और अगर बच्चे हैं तो उनकी भी आय-व्यय, जेवर-जमीन और कर्ज आदि की हर एक जानकारी देनी पड़ती है।
  • उम्मीदवार और उसकी पत्नी-बच्चों के पास हथियारों, आपराधिक मामलों के बारे में बताना होता है। कोर्ट में कोई केस चल रहा है और या किसी केस में सजा हुई है, तो इसकी जानकारी शपथ पत्र के जरिए ही देनी पड़ती है।

गौरतलब है कि एक बार जब नामांकन पत्र दाखिल हो जाता है, तो चुनाव आयोग उम्मीदवार के सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच करता है। नामांकन के बाद चुनाव आयोग की तरफ से तय तारीख तक प्रत्याशी चुनाव से अपना नाम वापस भी ले सकता है।

नामांकन पत्र ठीक ढंग से भरा जाना चाहिए यदि इसमें कोई भी गलती निकलती है तो ऐसे नामांकन पत्र अवैध माना जाता हैं और उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाती है। साथ ही नामांकन पत्र के साथ लगाए गए दूसरे दस्तावेज भी सही होने चाहिए। उनमें दी गई जानकारी अगर संदिग्ध या गलत लगती है तो भी चुनाव आयोग उम्मीदवारी निरस्त कर देता है।

नामांकन नियमों के अनुसार, यदि कोई उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना जरुरी है।  यदि उम्मीदवार एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में या किसी पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल द्वारा नामित उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के दस मतदाताओं को प्रस्तावक के रूप में नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा।

वहीं चुनाव आयोग के नियम अनुसार, रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सत्यापित करने होंगे। यदि, एक पूछताछ के बाद, आरओ यह निर्धारित करता है कि हस्ताक्षर सही नहीं है, जैसा कि प्रस्तावक ने दावा किया है, तो अपर्याप्त प्रस्तावकों के कारण उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज कर दिया जाएगा।

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