लद्दाख सीमा पर चीन अपनी चालबाजियों और साजिशों से बिलकुल पीछे नहीं हट रहा है। बीते दिन चीनी सेना की वेस्टर्न कमांड ने आरोप लगाया था कि भारतीय सेना ने गश्त कर रही चीनी सैनिकों की टुकड़ी पर फायरिंग की है. जिसके जवाब में चीनी सेना को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
अब LAC पर फायरिंग को लेकर आया भारतीय सेना का बयान।
भारतीय सेना ने आज अपना आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि एलएसी पर भारत तनाव कम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इधर चीन आगे बढ़ने के लिए उत्तेजक गतिविधियां कर रहा है.
जहां भारत LAC पर डिसइंगेजमेंट और हालात को डी-एस्केलेट करने के लिए प्रतिबद्ध है, चीन स्थिति को बढ़ाने के लिए उकसावे वाली गतिविधियों को जारी रखे हुए है। किसी भी चरण में भारतीय सेना ने LAC को पार नहीं किया और फायरिंग समेत किसी भी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया: भारतीय सेना pic.twitter.com/AZn4yjYKtm
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) September 8, 2020
बीजिंग की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर भारतीय सेना ने कहा कि किसी भी स्तर पर भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं किया और फायरिंग सहित किसी भी आक्रामकता का इस्तेमाल नहीं किया. चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सैन्य और राजनयिक पर बातचीत के बीच समझौते का उल्लंघन कर रहा है और आक्रमक युद्धाभ्यास कर रहा है.
चीनी सेना की वेस्टर्न कमांड ने क्या लगाया था आरोप?
वेस्टर्न कमांड के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, ”गॉड पाउ माउंटेन इलाके में भारतीय सेना ने घुसपैठ की. कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना ने गोलीबारी से धमकाया. चीनी सैनिकों को स्थिति सामान्य करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारत के इस कदम ने भारत औऱ चीन के बीच समझौतों को तोड़ा है, जिससे क्षेत्क में तनाव बढ़ गया और गलतफहमी की गुंजाइश बढ़ गई है.
45 साल में पहली बार एलएसी पर फायरिंग की घटना हुई
बता दे चीन की हरकतों के कारण एलएसी पर 45 साल में पहली बार फायरिंग की घटना हुई है. आखिरी बार एलएसी पर फायरिंग 1975 में अरुणाचल प्रदेश में हुई थी. आखिरी बार फायरिंग में भी चीन ने भारतीय सेना की टुकड़ी को निशाना बनाया था. जिसमें भारतीय जवान हताहत हुए थे.