आज जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी एक “दैवीय घटना” है यानी ये आपदा “Act of God ” है जिसकी वजह से जीएसटी संग्रह प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा इस साल हम असाधारण स्थिति और एक दैवीय आपदा का सामना कर रहे हैं.
राज्यों को मुआवजा देने की आवश्यकता।
कोरोना महामारी के कारण जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट आई है. जीएसटी कंपेनसेशन कानून के मुताबिक, राज्यों को मुआवजा दिए जाने की आवश्यकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये जारी किए हैं. इसमें मार्च 13,806 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए एकत्रित उपकर (Cess) 95,444 करोड़ रुपये था जबकि राज्यों को 1.65 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
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वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी।
जीएसटी परिषद की बैठक के बाद राजस्व सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पर बहुत बुरा असर पड़ा है। राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी संग्रह में आने वाली कमी की भरपाई भारत की संचित निधि से नहीं की जा सकती।राजस्व सचिव ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रही है, इसमें से केवल 97,000 करोड़ रुपये की कमी का कारण जीएसटी क्रियान्वयन है और शेष कमी का कारण महामारी है।
राज्यों को क्षतिपूर्ति के लिए दो वकिल्पों पर हुई चर्चा ।
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों को क्षतिपूर्ति के दो वकिल्पों पर चर्चा की गई. वित्त मंत्री ने कहा कि जिन विकल्पों पर चर्चा हुई, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिये हैं, जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में एक बार फिर मामले पर विचार करेगी. राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में अप्रैल-जुलाई के लिये राज्यों का बकाया 1.5 लाख करोड़ रुपये है.
अर्थव्यवस्था में आएगी गिरावट।
वित्त मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है.