आईएनएक्स मीडिया केस में हाई कोर्ट ने मंगलवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले न्यायामूर्ति सुनील गौड़ ने 25 जनवरी को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पी चिदंबरम के वकील अब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे.
पूछताछ के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ने ही कांग्रेस नेता चिदंबरम की दलील का विरोध किया था.
जांच एजेंसियों ने कहा था कि पूर्व वित्त मंत्री से हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता है क्योंकि चिदंबरम पूछताछ के दौरान जवाब देने में टालमटोल करते हैं.
चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. इस केस में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब दो दर्जन बार अंतरिम प्रोटेक्शन यानी गिरफ्तारी पर रोक की राहत मिली हुई है.
ये मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे.
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आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली.
इस मामले में सीबीआई और ईडी पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति को गिरफ्तार कर चुकी हैं. वो फिलहाल जमानत पर हैं.
इस मामले में अहम मोड़ तब आया, जब आईएनएक्स मीडिया की मालकिन और आरोपी इंद्राणी मुखर्जी 4 जुलाई को सरकारी गवाह बन गईं.
2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की. जबकि ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.