स्वतंत्र भारत के चौथे राष्ट्रपति वी.वी गिरी का आज जन्मदिन है। वी.वी गिरी का जन्म 10 अगस्त, 1894 को ब्रह्मपुर, ओड़िशा में हुआ था. वी.वी. गिरी के पिताजी का नाम वी.वी. जोगिआह पंतुलु था, जो वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक्टिव सदस्य थे. वी वी गिरी एक वकील और स्थानीय बार काउंसिल के नेता थे. उनकी स्कूली शिक्षा ब्रह्मपुर में ही संपन्न हुई.1913 में वकालत की शिक्षा के लिए वे आयरलैंड चले गए, डबलिन यूनिवर्सिटी से 1913-16 तक अपनी शिक्षा संपूर्ण की.
भारत लौटने पर के बाद वह श्रम आंदोलन से जुड़े और साथ में कांग्रेस से भी जुड़ गए। उन्होंने मद्रास और नागपुर का रेलवे मजदूर ट्रेड यूनियन गठित की जो आगे चलकर अखिल भारतीय रेल कर्मचारी संघ के नाम से जाना जाने लगा। उन्होंने जिनेवा में 1927 में हुई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर कांफ्रेंस में मजदूरों को तरफ से हिस्सा लिया था।
937-39 और 1946-47 के बीच वो मद्रास सरकार में श्रम, उद्योग, सहकारिता और वाणिज्य विभागों के मंत्री रहे। उसके बाद दूसरे विश्वयुद्ध और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वो जेल भी गये।
1947-51 के बीच वो सीलोन में भारत के उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त रहे।1952 के पहले आम चुनाव में सांसद चुने गए एवं कांग्रेस पार्टी की सरकार में वो पहले श्रम मंत्री बनाये गए। वीवी गिरि की समाजवादी राजनैतिक विचारधारा मजदूरों पर केंद्रित थी। उन्होंने श्रम मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया परंतु 1957 का चुनाव वो हार गए।
ये भी पढ़े : कौन है सोशल मीडिया पर वायरल ‘बिनोद’ ,जानें किसका खुराफाती दिमाग है इसके पीछे
वह सफलतापूर्वक उत्तर प्रदेश (1957-1960), केरल (1960-1965) और मैसूर (1965-1967) के राज्यपाल के रूप में सेवा की। वह 1967 में भारत के उप राष्ट्रपति के रूप में चुने गए।
जाकिर हुसैन का 1969 में कार्यालय में निधन होने पर राष्ट्रपति चुनाव हुए। राष्ट्रपति के चुनाव और चुनाव परिणाम के मध्य कुछ दिनों के लिए भारत के तत्कालीन मुख्या न्यायाधीश मुहम्मद हिदायतुल्लाह कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे। कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए नीलिमा संजीव रेड्डी को नामांकित किया और वी वी गिरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा। भारतीय इतिहास में पहली बार वी वी गिरी कांग्रेस उमीदवार को हरा कर राष्ट्रपति चुनाव जीते।
बता दे वर्ष 1975 में उन्हें भारत रत्न से अलंकृत किया गया था।
आज उनकी जयंती पर उन्हें कई राजनेताओं ने याद भी किया।
Remembering freedom fighter, leader of labour rights & former President, Bharat Ratna Shri
V.V. Giri ji on his birth anniversary. Elected to the Central Legislative Assembly in 1934, he went on to diligently serve the nation in various capacities. My humble tributes! pic.twitter.com/pswRwhoIbX— Lok Sabha Speaker (@loksabhaspeaker) August 10, 2020
Our homage to the Former President of India, Bharat Ratna, V V Giri on his birth anniversary today.
Giri was closely associated with the labour & trade union movement in India throughout his career after playing an active role in the Non-Cooperation Movement led by Gandhi ji. pic.twitter.com/BMUAgW3LI8
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) August 10, 2020
A humble tribute to Bharat Ratna Late Sh. Varahagiri Venkata Giri ji on his birth anniversary. He was the only president of India to be elected as an independent candidate. He also served the nation as Union minister for labour and Governor of Uttar Pradesh, Kerala & Karnataka🙏 pic.twitter.com/YzAo79kEk7
— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) August 10, 2020