2019 लोक सभा चुनाव में छिड़ी सियासी जंग के बीच ही मेघालय की शिलॉन्ग सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सनबोर शुलई ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक लागू होने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आत्महत्या कर लेंगे.
शुलई ने कहा, “जब तक मैं ज़िंदा हूं, तब तक नागरिकता(संशोधन) विधेयक लागू नहीं होगा.” साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह विधेयक पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा भारत के किसी और हिस्से में लागू होता है तो इससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने घोषणापत्र में केंद्र में सत्ता में आने पर विधेयक को लागू करने का वादा किया है.
विवादों से घिरा यह विधेयक, जिसे 8 जनवरी को लोकसभा में पारित किया गया था, वह बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए हिंदुओं, सिखों, जैनियों और पारसियों सहित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने की बात करता है.
शुलई ने पहले भी पीएम मोदी, केंद्रीय नेताओं और गैर सरकारी संगठनों को एक पत्र सौंपा था, जिसमे उन्होंने मेघालय समेत सभी पूर्वोत्तर राज्यों को इस विधेयक से बाहर रखने की मांग की थी.
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विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के तहत, नागरिकता के लिए न्यूनतम निवास अवधि मौजूदा कानून में 12 वर्षों से घटाकर 7 साल किये जाने का प्रस्ताव था. हालांकि,जिला द्वारा पूरी जांच और राज्य सरकार की सिफारिश के बाद ही उन्हें नागरिकता दी जानी थी.
कई संगठनों ने विधेयक को लाये जाने पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था. उनका कहना था कि यह उत्तर पूर्व में कानून व्यवस्था की समस्याएं पैदा करेगा।