केंद्र ने मंगलवार को शांति क्षेत्रों में तैनात सैन्य अधिकारियों के लिए ‘राशन के प्रावधान’ को बहाल कर दिया है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ाने और उनके परिवारों का समर्थन करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा. तीनों सेवाओं के अधिकारियों के लिए राशन बहाल करने से मैं सम्मानित महसूस करता हूं कि मुझे सशस्त्र बलों के लिए कुछ करने का मौका मिला.”
Defence Minister Rajnath Singh: I will leave no stone unturned to lift the morale of armed forces and support their families after restoring ration in kind for officers of the three services. It is an honour for me to get an opportunity to do something for the Armed Forces pic.twitter.com/ByYDH7BBmc
— ANI (@ANI) June 18, 2019
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भूमिका संभालने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लिया गया यह पहला प्रमुख निर्णय है.
1 जुलाई 2017 को, सरकार ने सशस्त्र बलों के अधिकारियों को दी गई सुविधा को वापस ले लिया था और इसे एक भत्ते के रूप में बदल दिया था. 1983 से लेकर 2017 तक सैन्य अधिकारियों को राशन का प्रावधान उपलब्ध था.
सुरक्षाबलों ने राशन बंद किये जाने से पहले रक्षा मंत्रालय को बताया था कि अगर इस तरह की सुविधा को बंद कर दिया जाता है तो कर छूट के बिना प्रति दिन 205.11 रुपये प्रति अधिकारी का भत्ता दिया जाना चाहिए. हालांकि, बाद में भत्ते के रूप में केवल 96 रुपये की राशि तय की गई थी.
लगभग 2 वर्षों के बाद, सरकार अपने निर्णय को वापस लेने और राशन अधिकार को बहाल करने पर सहमत हो गई है.
सरकार द्वारा उक्त निर्णय सशस्त्र बलों द्वारा परिचालन संबंधी चिंताओं को देखते हुए लिया गया है.
सेना द्वारा पिछले साल रक्षा मंत्रालय के माध्यम से एक प्रस्ताव भेजे जाने के बाद यह मामला वित्त मंत्रालय के पास लंबित था.