शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने सोमवार को 163 विधायकों के साथ महाराष्ट्र में सत्ता में आने का दावा किया। एनसीपी ने अपने 54 विधायकों में से 51 के हस्ताक्षर जमा किए। तीनों दलों ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए पर्याप्त विधायकों के समर्थन का दावा किया। शिवसेना ने 63 विधायकों (निर्दलीय सहित), कांग्रेस 44, राकांपा ने 51 विधायकों के हस्ताक्षर जमा किए.
#Maharashtra: Congress-NCP-Shiv Sena leaders submitted a letter of MLAs supporting their alliance, to the officials at #RajBhavan in Mumbai.https://t.co/dbr3Jhl5IZ pic.twitter.com/w9FgxsGpJu
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) November 25, 2019
वही दूसरी ओर महाराष्ट्र में तत्काल शक्ति परीक्षण के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी द्वारा संयुक्त याचिका की लगातार सोमवार दूसरे दिन सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार सुबह 10.30 बजे तक आदेश को सुरक्षित रखा। यानि कोर्ट कल अपना फ़ैसला सुनाएगा।
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भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसे एनसीपी के सभी 54 सहित 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। दूसरी ओर, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने भी 154 विधायक के समर्थन का दावा करते हुए अदालत को एक हलफनामा सौंपा; एनसीपी ने दावा किया कि उस समय कुछ विधायक गायब हैं क्योंकि विधायक वापस आ रहे थे।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 53 विधायक पार्टी के साथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अजित पवार ने राज्यपाल को शिवसेना के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए विधायकों से मिले समर्थन पत्र के साथ छल किया।