उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2020 के तहत दर्ज पहले केस के मुख्य आरोपी को आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। योगी सरकार द्वारा लाए गए विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2020 को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में यह पहला केस मामला दर्ज हुआ था जिसके तहत आज ये गिरफ्तारी भी की गई है।
विधि विरुद्ध धर्मांतरण के तहत देवरनियां में एक मुकदमा लिखा गया। आरोपी को आज गिरफ़्तार कर लिया गया है: एसएसपी बरेली #UttarPradesh @Uppolice #AntiConversionLaw @adgzonebareilly @igrangebareilly pic.twitter.com/nYhuVJXDhU
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) December 3, 2020
छात्रा के पिता ने दर्ज कराया था मामला।
दरअसल छात्रा के पिता ने उवैस के खिलाफ बेटी पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का मामला दर्ज कराया था। और तो और 27 नवंबर को कानून बनने के कुछ घंटे बाद ही बरेली के देवरनियां थाने में यह रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इतना ही नहीं प्रभारी एसएसपी डॉ. संसार सिंह ने इंस्पेक्टर को निर्देश दिए थे कि प्राथमिकता के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार भी किया जाए।
बहेड़ी थाने के इंस्पेक्टर ने पकड़ा आरोपी और फिर सौंपा देवरनियां पुलिस को।
देवरनियां पुलिस की टीमें आरोपी उवैस को तलाश करती रह गईं, जबकि बहेड़ी थाने के इंस्पेक्टर क्राइम पंकज पंत ने बुधवार दोपहर उवैस को पकड़ लिया और थाने ले आए। थाने में उससे पूछताछ की गई और प्रभारी एसएसपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दी। बाद में आरोपी देवरनियां पुलिस को सौंप दिया गया। देवरनियां पुलिस ने उसका मेडिकल परीक्षण कराकर कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
आरोपी के वकील का दावा कोर्ट में नहीं टिकेगी पुलिस की दलील।
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसके वकील मोहम्मद आरिफ का कहना है कि उवैस को बेवजह फंसाया जा रहा है। पिछले साल भी उस पर अपहरण की फर्जी रिपोर्ट दर्ज की गई थी। लेकिन साल भर से कोई मामला नहीं था। कोर्ट में पुलिस की कोई दलील नहीं टिकेगी क्युकी पुलिस ने ये गिरफ्तारी केवल नंबर बढ़ाने के लिए की है।