पुडुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन यानी (Congress-DMK Alliance) की सरकार गिरने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की सियासत में हल चल मची हुई है। दरअसल कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के गिरने के बाद राज्यपाल ने यहां राष्ट्रपति लगाने की सिफारिश कर दी है। कयास तो ये लगाए जा रहे थे कि बीजेपी यहां अब अपनी सरकार बनाने का दावा पेश करे, लेकिन पुडुचेरीके बीजेपी अध्यक्ष ने इन अटकलों को ख़ारिज कर के सभी कयासों पर विराम लगा दिया है।
क्या कहा पुडुचेरी के बीजेपी अध्यक्ष ने ?
पुडुचेरी के बीजेपी अध्यक्ष वी सामीनाथन ने कहा कि बीजेपी वहां सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी, क्योंकि पार्टी शॉर्ट-कट पर भरोसा नहीं करती। इतना ही नहीं सामीनाथन ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी एनआर भी यहां सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी। उनका ये भी दावा है कि उनका या उनकी पार्टी का नारायणसामी की सरकार को गिराने में कोई हाथ नहीं है। जो कुछ भी हुआ है वो नारायणसामी की गलत नीतियों के कारण हुआ है, उनकी ही पार्टी के लोगों ने नाराज होकर उनका साथ छोड़ा, ऐसे में हम क्या कर सकते हैं।
कैसे शुरू हुआ पुडुचेरी में सियासी संकट।
हाल ही में कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार पर संकट के बादल गहरा गए थे। इसके बाद उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने सरकार को बहुमत साबित करने को कहा था। फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले ही कांग्रेस और गठबंधन में शामिल DMK के एक-एक विधायक ने और इस्तीफा दे दिया, इसके बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई।
पहले इन 4 विधायकों ने पहले दिया था इस्तीफा।
1. ए. जॉन कुमार, कांग्रेस
2. ए. नमस्सिवम, कांग्रेस
3. मल्लादी कृष्णा राव, कांग्रेस
4. ई थेपयन्थन, कांग्रेस
फिर इन 2 विधायकों ने इस्तीफा दिया।
5. के. लक्ष्मीनारायणन, कांग्रेस
6. के. वेंकटेशन, DMK
बता दे फ्लोर टेस्ट के एक दिन पहले 2 इस्तीफा और देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई थी, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक है। 33 सदस्यीय विधानसभा में सात स्थान रिक्त हैं।
एक विधायक हो चूका है अयोग्य घोषित, वही इस्तीफा देने वालों में से 2 भाजपा में शामिल।
कांग्रेस विधायक एन. धनवेलु को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इधर इस्तीफा देने वाले नमस्सिवम और थेपयन्थन भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
कितनी सीटों के लिए होता है पुडुचेरी में चुनाव।
33 सदस्यों पुदुच्चेरी विधानसभा में 30 सीटों के लिए चुनाव होता है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज कर न सिर्फ बड़ी पार्टी बनी थी बल्कि तीन डीएमके और एक निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार भी चला रही थी। वही बहुमत में आने के बाद कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार में मंत्री रहे वी नारायणसामी पर अपना भरोसा जताया। इसी के साथ कांग्रेस के विधायकों ने मिलकर नारायणसामी को अपना नेता चुना और वह मुख्यमंत्री बने।
सोमवार को ही हुआ था फ्लोर टेस्ट।
गौरतलब है की जब भी किसी राज्य में ऐसा सियासी संकट आता है तो फ्लोर टेस्ट किया जाता है ताकि सत्ता पक्ष अपना बहुमत साबित कर सके। ऐसे में पुदुच्चेरी में भी सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में नारायणसामी की सरकार फेल हो गई। नारायणसामी के पास 9 विधायकों के अलावा 2 डीएमके और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन था, यानी कि उनके पास 12 विधायक थे, जबकि मैजिक आंकड़ा 14 का था। जिसकी वजह से शक्ति परीक्षण में नारायणसामी को नाकामी झेलनी पड़ी। फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद विधानसभा स्पीकर ने ऐलान किया कि नारायणसामी सरकार ने यहां बहुमत खो दिया है।
हमारा अब सरकार बनाने का कोई इरादा नहीं – AIADMK
इधर पुडुचेरी की सरकार गिरने के एक दिन बाद AIADMK नेता ए अंबलगन ने कहा हमारा अब सरकार बनाने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि केवल 10 दिनों में चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। हम चुनाव का सामना करेंगे और लोकतांत्रिक तरीके से सरकार बनाएंगे।फिलहाल सामीनाथन के इस बयान के बाद अब लेफ्टिनेंट गवर्नर तमिलिसाई सौंदरराजन के पास राष्ट्रपति शासन का ही विकल्प बचता है, अब देखते हैं कि वो क्या कदम उठाती है।